प्रयागराज (राजेश सिंह)। माहे मोहर्रम की 9 तारीख को बड़ा ताजिया अपनी पूरी शान -ए-शौकत के साथ उठाया गया इससे पहले बड़े ताजिया पर फूल चढ़ाया गया फातेहा पढ़ा गया मन्नते मांगी गई और लंगर हुआ बड़ा ताजिया देर रात को उठना है बडा ताजिया बडे ताजिए में गश्त करने के बाद सड़क पर आता है जॉनसेन गंज चौराहे पहुंचता है बड़े ताजिया का दीदार करने के लिए लाखों लोग इंतजार कर रहे थे सभी लोग एक झलक पाने के लिए बेकरार थे मन्नत के फूल ताजिए पर चढ़ाया जा रहा था बच्चों को बोसा कराया जा रहा था या अली या हुसैन नारे बुलंद हो रहे थे नारे अपने बुलंद थे कि जमीन और आसमान दोनों गूंज रहे थे।
बड़ा ताजिया लीडर रोड खारी कुआं शाहगंज शाह नूर अली गंज पत्थर गली होते हुए नखास कोहना पहुंचता है यहां पर हुसैन के शैदाइयो का जन सैलाब उमड पड़ता है पैर रखने की जगह लोगों को नहीं मिल रही थी भीड़ को भपके के द्वारा कंट्रोल किया जा रहा था हर कोई बड़े ताजिया का दीदार करना चाहता था ताजिया का बोसा लेना चाहता था बहुत रात हो चुकी थी बुढढा ताजिया भी बुढढा ताजिया से नखास कोहना पहुंच चुका था अब भीड कंट्रोल से बाहर हो रही थी दोनों ताजिया नखास कोहना पर गश्त करते हैं सुबह होने को है बड़ा ताजिया सेवाई मंडी कोतवाली होते हुए ठठेरी बाजार से पुराना पान दरीबा जॉनसेन गंज होते हुए बड़े ताजिया पर पहुंचकर इमामबाड़े पर रखा जाता है बुढढा ताजिया ठठेरी बाजार सब्जी मंडी होते नुरुल्लाह रोड हुए इमामबाड़े पर रखा गया सांसद विधायक पार्षद समाजसेवी सिविल डिफेंस आदि बड़े ताजिया में शामिल हुए पुलिस ड्रोन कैमरे और सीसी कैमरे से जुलूस पर नजर रखे हुए थी शगुन