नैनी के अरैल घाट पर उमड़ी भारी भीड़, ढोल-नगाड़ों के साथ पहुंचे
प्रयागराज (राजेश सिंह)। लोकआस्था के महापर्व छठ के तीसरे दिन सोमवार की दोपहर से ही महेवा और अरैल के यमुना घाट पर अस्तचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के लिए माताओं की भीड़ पहुंच गयी। बाजे गाजे के साथ नदी में खड़ी होकर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया और अपने पुत्र की दीर्घायु की मंगलकामना की। छठ पूजा में सूर्य देव को अर्घ्य देने का विशेष महत्व है। चार दिवसीय छठ पर्व के तीसरे दिन सूर्य देव और छठी मैया को अस्ताचलगामी अर्घ्य दिया जाता है।
छठ हिंदू धर्म का महत्वपूर्ण पर्व है। इस व्रत को संतान की लंबी आयु और पति के स्वस्थ व खुशहाली वा सुख-सौभाग्य की कामना के लिए रखा जाता है। चार दिवसीय छठ महापर्व का आज तीसरा दिन है। सोमवार को छठ पर्व पर गंगा और यमुना घाट पर दोपहर से ही व्रती महिलाएं अपने पुत्र और पति के दीर्घायु व परिवार की मंगल कामना के लिए कठिन व्रत का पालन करते हुए डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के लिए घाट पर पहुंचे।
नैनी का महेवा और अरैल घाट व्रती महिलाओं से खचाखच भरा हुआ था। व्रती महिलाओं ने छठ मईया की पूजा अर्चना कर नदी खड़ी होकर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर अपने पुत्र, पति और परिवार के मंगल कामनाओं के साथ आशीष मांगा।
उगते हुए सूर्य के अर्घ्य से होगा समापन
आज षष्ठी तिथि पर 27 अक्टूबर को डूबते हुए सूर्य को कमर तक पानी में अर्घ्य दिया गया और 28 को सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर छठ व्रत संपन्न होगा। छठ पर्व पर व्रती महिलाएं पूरे 36 घंटे का निर्जला व्रत रखकर कठोर नियमों का पालन करती है।
कब मनाया जाता है छठ पर्व
पंचांग के अनुसार, लोकआस्था का महापर्व छठ कार्तिक शुक्ल की चतुर्थी तिथि से सप्तमी तिथि तक मनाया जाता है। इस साल छठ पर्व 25 से 28 अक्टूबर तक है। छठ को सबसे कठिन व्रतों में एक है।
घाट पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था छठ पूजा को लेकर डीसीपी यमुनानगर विवेक चंद्र यादव ने नैनी इंस्पेक्टर ब्रज किशोर गौतम के साथ पूरे नैनी के अरैल पर निरीक्षण करते हुए सुरक्षा का जायजा लेते रहे। पुलिस प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था कर रखी थी। जिससे घाट पर पूजन के लिए वाली महिलाओं को परेशानियां न हो।
उगते हुए सूर्य के अर्घ्य से होगा समापन
आज षष्ठी तिथि पर 27 अक्टूबर को डूबते हुए सूर्य को कमर तक पानी में अर्घ्य दिया गया और 28 को सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर छठ व्रत संपन्न होगा। छठ पर्व पर व्रती महिलाएं पूरे 36 घंटे का निर्जला व्रत रखकर कठोर नियमों का पालन करती है। - कब मनाया जाता है छठ पर्व
पंचांग के अनुसार, लोकआस्था का महापर्व छठ कार्तिक शुक्ल की चतुर्थी तिथि से सप्तमी तिथि तक मनाया जाता है। इस साल छठ पर्व 25 से 28 अक्टूबर तक है। छठ को सबसे कठिन व्रतों में एक है। घाट पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था छठ पूजा को लेकर पुलिस और प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था कर रखी थी। जिससे घाट पर पूजन के लिए वाली महिलाओं को परेशानियां न हो।

