नई दिल्ली। एक तरफ ट्रंप ने ळ20 का बॉयकॉट किया। वहीं दूसरी तरफ भारत ने इस मौके को ऐसा भुनाया कि अमेरिका को मिर्ची तो जरूर लगेगी। दरअसल भारत ने कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जो दो बहुत खास या फिर कहें कि दोस्त हैं अमेरिका के उनके साथ मिलकर एक डील की है।
साउथ अफ्रीका में ळ20 की 20वीं बैठक फिलहाल चल रही है और 22 नवंबर को इस सम्मेलन के दौरान जो कुछ हुआ उसने इतिहास के पन्नों में कहीं ना कहीं अपना नाम दर्ज करवा दिया। वो घटनाएं इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई। कैसे वहां ट्रंप ने बॉयकॉट किया ळ20 का और प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी उपलब्धता तो दिखाई ही दिखाई साथ में एक वर्ल्ड लीडर के तौर पर भी प्रधानमंत्री मोदी वहां बनकर उभरे। तस्वीरों में आप देख सकते हैं किस तरीके से किस गर्मजशी के साथ वो दुनिया के अलग-अलग देशों के राष्ट्रध्यक्षों के साथ मुलाकात कर रहे हैं। यह ब्राजील के राष्ट्रपति हो या फिर दुनिया के तमाम जो वर्ल्ड लीडर्स यहां पर पहुंचे थे। एक तरफ ट्रंप ने ळ20 का बॉयकॉट किया। वहीं दूसरी तरफ भारत ने इस मौके को ऐसा भुनाया कि अमेरिका को मिर्ची तो जरूर लगेगी। दरअसल भारत ने कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जो दो बहुत खास या फिर कहें कि दोस्त हैं अमेरिका के उनके साथ मिलकर एक डील की है। ये डील फायदा कहां पहुंचाएगी? आपको याद होगा कि एच वन बी वीजा को लेकर फीस जो लगाई गई थी $1 लाख की जो फीस ट्रंप के द्वारा लगाई गई थी उसके अब अल्टरनेट के तौर पर हमारे लिए कनाडा और ऑस्ट्रेलिया एच वन बी वीजा की तरह ही हमारे भारतीय छात्रों को वीजा देंगे। अब वो वहां जाकर पढ़ भी पाएंगे और काम भी कर पाएंगे।
एच1बी वीजा के नए दरवाजे
अमेरिका को तो भारतीय ब्रेन की शायद कदर नहीं हुई। लेकिन जैसे ही अमेरिका की तरफ से एच1 बी वीजा पर हंटर चला कनाडा और ऑस्ट्रेलिया ने यह मौका लपक लिया। एक-एक कर सिलसिलेवार तरीके से ये तस्वीरें आप देख रहे हैं। हर राष्ट्र अध्यक्ष के साथ जो केमिस्ट्री प्रधानमंत्री मोदी की दिखाई दे रही है वो अपने आप में काबिले तारीफ है। शायद दुनिया के किसी नेता के साथ ऐसी केमिस्ट्री भारत की ना दिखी हो। तभी आज फिर फिलहाल हेडलाइंस बनी हुई है कि प्रधानमंत्री मोदी ने ऑस्ट्रेलिया और कनाडा के साथ नई त्रिपक्षीय प्रौद्योगिकी और नवाचार साझेदारी की घोषणा की है। इसे सीआईए भी कहा जा रहा है। वो अमेरिका वाला सीआईए नहीं वो तो दुनिया की सरकारें गिरवाता है। लेकिन ये दुनिया को बनाने वाला सीआईए मतलब मजाक में लोग सोशल मीडिया पर लिख रहे हैं। कनाडा, इंडिया और ऑस्ट्रेलिया। संयुक्त जो बयान जारी किया गया तीनों देशों में मौजूदा द्विपक्षीय पहलुओं के पूरक के रूप में महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों पर सहयोग में अपनी महत्वाकांक्षा को मजबूत करने पर सहमत हुए।
इनोवेशन में साथ आए कनाडा, भारत और ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलिया, भारत और कनाडा के बीच तकनीक और नवाचार को लेकर एक नई साझेदारी बनी है। इसकी घोषणा खुद पीएम मोदी ने एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए की। पीएम ने इस पोस्ट में कनाडा के पीएम मार्क कार्नी और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमत्री एथनी एल्बनीज के साथ हुई उनकी एक बैठक की सूचना दी। पीएम ने कहा कि इस मौके पर उन्होंने ऑस्ट्रेलिया-कनाडा भारत टेक्नोलॉजी एड इनोवेशन (।ब्प्ज्प्) साझेदारी की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है। पीएम ने कहा कि ये पहल तीन महाद्वीपों, तीन महासागारो के तीन लोकतांत्रिक साझेदारों की आपसी पार्टनरशिप को और गहरा करेगी। तीनों देश उभर रही तकनीक, सप्लाई श्रृंखला की विविधता, क्लीन एनर्जी और ।प् के क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ेगे। दरअसल, भारत ।प् और उभर रही तकनीकों को लेकर एक महत्त्वाकांक्षी दिशा में आगे बढ़ रहा है। इसी सिलसिले में फरवरी में दिल्ली में ।प् इंपैक्ट समिट का आयोजन भी एक अहम कड़ी साबित होगा।
उभरती प्रौद्योगिकों पर भारत और ऑस्ट्रेलिया के साथ साझेदारी
1999 में जो संगठन बना था अमेरिका का जो सबसे बड़ा स्टेक जिसमें रहता था वो अब शायद आने वाले वक्त में आपको देखने को नहीं मिलेगा। कार्नी कनाडा की अगर बात करें तो 2 साल पहले तक भारत और कनाडा के रिश्ते ऐसे हो जाएंगे किसी ने सोचा भी नहीं था क्योंकि खालिस्तानियों को लेकर कनाडा के जो प्रधानमंत्री थे जस्टिन ट्रूडो उन्होंने किस-किस तरीके के आरोप भारत के ऊपर लगाए थे वो कोई दबी छुपी बात नहीं है। लेकिन मार्क कार्नी जिन्होंने अब कमान संभाली है। उन्होंने भी इसकी जानकारी दी। कारणी ने भारत और ऑस्ट्रेलिया के साथ एआई और प्रौद्योगिकी साझेदारी पर हस्ताक्षर किए हैं। दक्षिण अफ्रीका में ळ20 शिखर सम्मेलन के दौरान उभरती प्रौद्योगिकों पर भारत और ऑस्ट्रेलिया के साथ साझेदारी शुरू करने के लिए कनाडा को प्रेरित किया। त्रिपक्षीय समझौते का उद्देश्य तीनों लोकतंत्रों को आपूर्ति श्रंखलाओं में विविधता लाने, स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग करने और कृत्रिम बुद्धिमता को आगे बढ़ाने में मदद करने के लिए मिलकर काम करना है।
जॉइंट डिक्लेरेशन पर साइन
अमेरिका के बॉयकॉट बॉयकॉट करने के बावजूद भी यहां एक जॉइंट डिक्लेरेशन पर सिग्नेचर हुआ। मजे की बात देखिए जब भी ळ-20 समिट होता है कोई भी समिट होता है उसके बाद कोई भी डिक्लेरेशन पर हस्ताक्षर सारे देश मिलकर करते हैं। लेकिन यहां शुरुआत में ही ये जॉइंट डिक्लेरेशन पर सिग्नेचर कर लिया क्योंकि पता था कि अमेरिका यहां नहीं आएगा।
दुनिया पर क्या पड़ेगा असर?
प्रधानमंत्री मोदी के बयान की भी चर्चा करेंगे कि किस तरीके से प्रधानमंत्री मोदी ने यह कहा है कि अब शिफ्ट बदलने की जरूरत है। जो शिफ्ट फिलहाल दुनिया का है उसे बदलने की जरूरत है। साउथ अफ्रीकन प्रेसिडेंट रनिंग हिज माउथ अगेंस्ट ट्रंप यूएस ऑन स्किपिंग जी20 टॉक्स। आपको वो तस्वीर याद होगी जब साउथ अफ्रीका के राष्ट्रपति रिसिल रामाफूसा अमेरिका में बैठे थे।
अमेरिका ने किया बॉयकाट
अमेरिका ने ळ20 समिट का बॉयकॉट करने का फैसला किया। दुनिया भर की सुर्खियां एक ही दिशा में इशारा कर रही थी। ट्रंप आइसोलेटेड वर्ल्ड मूव्स ऑन। यह किसी भी अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए एक कड़वी लेकिन बेहद भारी लाइन है। अब मजेदार और चिंताजनक बात यह है कि अगले साल जी20 की होस्टिंग अमेरिका करेगा। लेकिन इस साल साउथ अफ्रीका से जो औपचारिक हैंडओवर राइट्स लेने थे, वे भी अमेरिका ने नहीं लिए।