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मेजा के दो छात्र रूस-यूक्रेन हमले में फँसे

 

SV News

परिजनों का रो रो कर हाल बेहाल, खाने पीने के पड़े लाले

मेजा, प्रयागराज (श्रीकान्त यादव/राहुल यादव)। घर से आंखों में डॉक्टर बनने का सपना लेकर प्रयागराज के कई छात्र यूक्रेन के बिगड़े हालात में फंस गए हैं। इससे छात्रों का हाल बेहाल है। अब वहां कर्फ्यू लग गया है। घर से बाहर निकलने पर पाबंदी है। मेस, जनरल रेस्टोरेंट, कैफे व खाने-पीने की अन्य दुकानें भी बंद हैं। मॉल से किसी तरह दूध, अंडे, ब्रेड और पानी की बोतलें खरीद कर भूख प्यास मिटा रहे हैं। वे अपने साथियों के साथ अपार्टमेंट के बेसमेंट में घुटन भरी जिंदगी से बाहर निकलने के लिए छटपटा रहे हैं। उड़ानें अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई हैं। अब वे भारतीय दूतावास की दया पर निर्भर हैं। इधर, यूक्रेन में फंसे छात्रों के परिजन रात-दिन लाडलों की कुशलता और वापसी के लिए पूजा-पाठ संग दुआएं मांग रहे हैं।

रूस की ओर से यूक्रेन में लगातार हवाई हमले एवं सैन्य कार्रवाई से अफरा-तफरी मची है। भारत सरकार ने अपने लोगों की सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। वहां फंसे भारतीयों को हर तरह की मदद का आश्वासन दिया जा रहा है। भारतीय दूतावास के अधिकारी यूक्रेन में फंसे भारतीयों को बॉर्डर के देश पोलैंड, हंगरी, रोमानिया, स्लोवाकिया लाकर जितनी जल्दी हो, एयर लिफ्ट कराने की योजना में जुटे हैं।

बतादें की प्रयागराज जिले के काजल 9 छात्र यूक्रेन में फंसे हैं। इसमें मेजा रोड कठौली के अमित मिश्रा, लेहड़ी के अर्पित सिंह, धूमनगंज नीवा के दीक्षांत श्रीवास्तव, एलनगंज के भुवन सिंह, अल्लापुर के अनमोल आहूजा समेत अन्य छात्र अभी भी यूक्रेन के ओडेसा शहर के एक अपार्टमेंट के बेसमेंट में फंसे हैं। सब कुछ बंद है, केवल बड़े मॉल खुले हुए हैं जहां से बच्चे खाने पीने की कुछ सामग्रियां खरीद कर काम चला रहे हैं।

उरुवा ब्लाक के निवासी हैं अर्पित-अमित

मेजा तहसील क्षेत्र के उरुवा ब्लॉक के कठौली गांव निवासी प्रभाशंकर मिश्र के बड़े बेटे अमित मिश्रा एमबीबीएस की पढ़ाई करने ओडेसा गए हैं। अमित ने अपने पिता के स्वास्थ्य को लेकर चिंता जताई है। बताया कि हालत बिगड़ने के शुरुआती दिनों में घर जाने की इजाजत विश्वविद्यालय ने नहीं दी। घर जाने पर फेल करने का डर था।‌ हालात बिगड़ने पर हवाई किराया में बेतहाशा वृद्धि हो गई। एक लाख रुपये तक टिकट के दाम पहुंच गए थे। अमित की वापसी का टिकट 10 मार्च का हुआ है। उनका छोटा भाई आनंद मिश्र नीट और बहन प्रिया बीएड की तैयारी में जुटी है। वहीं मेजा के ही लेहड़ी गांव निवासी अर्पित सिंह भी यूक्रेन में फंसे हैं। उनके पिता सुशील सिंह बीपीसीएल नैनी में अकाउंटेंट हैं। छोटा बेटा बीटेक करके नोएडा की एक कंपनी में कार्यरत है। मां सुधा सिंह बहुत मायूस हैं।

तुषार, अनुराग दोस्तों के लिए कर रहे प्रार्थना

प्रयागराज के तुषार पांडेय, अनुराग सिंह हालात बिगड़ने के पहले ही घर आ गए थे, लेकिन उनके दोस्त अर्पित सिंह, दीक्षांत श्रीवास्तव, भुवन सिंह, अमित मिश्रा और अनमोल आहूजा अभी यूक्रेन में फंसे हैं। दोस्तों की वापसी के लिए तुषार और अनुराग भी ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं। वह रोज फोन कर उनकी खैरियत और वहां के हालात का जायजा ले रहे हैं। तुषार पांडेय ने बताया कि जिन्होंने कभी युद्ध के हालात नहीं देखे हों, वो यूक्रेन की भयानक स्थिति से सहमे हुए हैं।

यूक्रेन के एक छात्र ने मोबाइल स्क्रीन शॉट भेज कर बताया कि इस तनावपूर्ण माहौल में यहां की यूनिवर्सिटी ने शुक्रवार सवा दस बजे मैसेज भेज कर 12 बजे से क्लास चलाने की सूचना दी है। जबकि छात्र मानसिक रूप से क्लास करने के लिए तैयार नहीं हैं

यूक्रेन के इवानो फ्रैंकिस में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे कोटवा के मार्केटिंग इंस्पेक्टर वीरेंद्र यादव के बेटे सत्येंद्र यादव 20 नवंबर को बहन की शादी में शामिल होने घर आए थे, 30 नवंबर को वापस यूक्रेन चले गए। उनके साथ सुलेमसराय के हेमंत वर्मा, झूंसी मायापुरी कॉलोनी के वैभव त्रिपाठी फंसे हुए हैं। सत्येंद्र ने बताया कि शनिवार की सुबह बस द्वारा रोमानिया या हंगरी ले जाने की बात यूनिवर्सिटी की ओर से कही गई है। वहां से भारत एयरलिफ्ट कराया जाएगा। छात्रों के परिजन लगातार भारतीय दूतावास की वेबसाइट से जुड़े हैं और अपने बच्चों की वतन वापसी की दुआ कर रहे हैं।

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