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परीक्षा में उत्तर लिखने की कला

 



मेजा,प्रयागराज।(हरिश्चंद्र त्रिपाठी)

 लिखित परीक्षा का प्रश्न उत्तर लिखते वक्त विद्यार्थी छोटी-मोटी ऐसी अनेक कमियां छोड़ देते हैं जिनका कि उनके अंकों पर बड़ा प्रभाव पड़ता है। वास्तव में प्रश्न पत्र का उत्तर भी लिखना एक कला है, जिसके द्वारा परीक्षक को लुभाया जाता है। फलस्वरूप परीक्षक अनजाने में अधिक अंक देने के लिए मजबूर हो जाता है। यहां हम प्रश्न पत्र का उत्तर लिखने की कला बता रहे हैं, जिसे जानकर कोई भी विद्यार्थी अपने अंको में असाधारण वृद्धि अर्जित कर सकता है।
*परीक्षा से पूर्व ध्यान देने योग्य बातें:* परीक्षा के पूर्व रात्रि को इतनी नींद लेनी चाहिए जिससे कि परीक्षा देने में थकान महसूस न हो। परीक्षा देने जाते वक्त नए कपड़े, जूते इत्यादि न पहने बल्कि कपड़ों जूतों को पहले से पहनते रहे हो वही पहने अन्यथा आपका ध्यान  बंट सकता है। परीक्षा के दौरान जिन-जिन वस्तुओं कलम, पेंसिल, स्केच, ड्राइंग बॉक्स आदि की जरूरत पड़ सकती है,वे वस्तुएं भी भली-भांति इस्तेमाल की हुई होनी चाहिए। एकदम नई वस्तुएं कतई नहीं। परीक्षा की पूर्व संध्या को ही अगले दिन पहने जाने वाली ड्रेस, प्रवेश पत्र व अन्य सभी वस्तुएं जो परीक्षा में ले जानी है सेट करके रख ले। यदि अपने वाहन से जाना है तो उसे भी विधिवत चेक कर ले। यदि संभव हो तो परीक्षा का स्थान, कक्ष व सीट की जानकारी एक दिन पूर्व कर लें और परीक्षा के दिन परीक्षा के समय से 10-15 मिनट पहले अपना स्थान ग्रहण कर लें ताकि उत्तर पुस्तिका बंटने के पूर्व आप एकदम नॉर्मल अवस्था में रहे। अपने केंद्र पर परीक्षा समय से आधे घंटे पहले ही पहुंच जाएं जिससे आप परीक्षा कक्ष में पहुंचने से पहले ही नॉर्मल हो जाए। *परीक्षा कक्ष में प्रवेश करने के बाद ध्यान देने योग्य बातें* कापी मिलने  के बाद उसमें जो भी निर्देश दिए गए हैं उन्हें ध्यान पूर्वक पढ़ें तदनुसार उसका पालन कीजिए। उत्तर पुस्तिका में जितनी प्रविष्ठियां भरी जानी है उन्हें ठीक-ठीक साफ-साफ भरिए। प्रश्न पत्र को शुरू से आखिर तक दो तीन बार ध्यान से पढ़िए। बार-बार पड़ने पर ही प्रश्न पत्र स्पष्ट हो जाता है जहां तक संभव हो ऐसे प्रश्नों का चयन कीजिए जिनसे लिखना कम होता है और अंक अधिक मिलते हैं। जैसे- टिप्पणी लिखिए। अंतर बताइए। जिन प्रश्नों को हल करना है उन पर आप निशान बना दीजिए और किस क्रम में प्रश्न हल करना है उन पर आप निशान बना दीजिए और किस प्रश्न का उत्तर लिखना हैं वह भी शुरू में निश्चित कर लीजिए। ताकि बार-बार समय नष्ट ना करना पड़े। महत्ता व क्रम के अनुसार विभिन्न प्रश्नों के लिए समय निर्धारित कर लीजिए और फिर उस का कड़ाई से पालन कीजिए। सबसे पहले सबसे अच्छा प्रश्न कीजिए और फिर दूसरा व आगे। इसी क्रम में प्रत्येक प्रश्न को नए पेज से आरंभ कीजिए।बीच से नहीं। परीक्षा में कापी भरने का महत्व नहीं होता है। उपेक्षित बात यह है कि पढ़ने योग्य लिखा जाए। यदि प्रश्न पत्र के कई भाग हैं तो उन भागों को लगातार उसी क्रम में हल कीजिए जिस क्रम में पूछे गए हों। खासकर भाषा के प्रश्न में शब्दों वाक्यों की पुनरावृत्ति न करें बल्कि विविधता लाकर रोचकता लाने का प्रयास करें। वर्तनी व अन्य बहुत सी बातों के लिए प्रश्न पत्र का इस्तेमाल करना बुद्धिमत्ता पूर्ण होगा क्योंकि जो बातें प्रश्नपत्र की मदद से सही की जा सकती थी यदि त्रुटि की तो परीक्षक आपको क्षमा नहीं करेगा। किसी भी प्रश्न पत्र का उत्तर क्योंकि इसलिए से शुरू न करें। शुरू से ही पूरी बात लिखें। प्रश्न का नंबर हवाई और ऊपर मोटे अक्षरों में लिखें। जैसे- प्रश्न नंबर 3: अपने प्रश्नों को निबंध के रूप में ना लिखें बल्कि शीर्षक, उपशीर्षक डालकर बिंदुओं में लिखने की कोशिश करें और जहां तालिका दे सकते हैं तालिका दें। उत्तर के जिन शब्दों को आप मुख्य समझते हैं और परीक्षक को पढ़ाना चाहते हैं उन्हें नीचे रेखांकित कर दीजिए, क्योंकि परीक्षक के पास पूरा उत्तर पढ़ने का वक्त नहीं होता। जहां तक संभव हो अपने उत्तरों में चित्रों का समावेश कीजिए, क्योंकि चित्रों के माध्यम से बात आसानी से कही जा सकती है और परीक्षक भी आसानी से समझ सकता है। उत्तर के बाद पृष्ठ पर कुछ स्थान जरूर छोड़ देना चाहिए ताकि यदि कोई शब्द आपको बाद में याद आ जाए तो उसे जोड़ सके। इसके अतिरिक्त परीक्षक को नंबर लिखने में सुविधा होती है।

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*उत्तर लिखने के बाद ध्यान देने योग्य बातें* जब उत्तर समाप्त हो जाए उसके बाद कोई ऐसा चिन्ह बना दीजिए ताकि परीक्षक को स्वत: ज्ञात हो जाए कि उत्तर समाप्त हो गया। इसमें मात्र एक डेस(-) खींच सकते हैं। यदि कोई पेज भूलवश छूट जाए तो इन्हें काट दीजिए ताकि परीक्षक वहीं पर न रुक कर आगे बढ़ सके। यदि दूसरी उत्तर पुस्तिका ली है तो धागे से मजबूत बांध दीजिए। ऑलपीन या क्लिप काफी नहीं है। प्रत्येक दशा में 5 मिनट का समय उत्तर पुस्तिका के रिवीजन के लिए सुरक्षित रखना बड़ा आवश्यक है क्योंकि रिवीजन से बहुत सी त्रुटियां सुधर जाती हैं। प्रत्येक विद्यार्थी को अपने पूरे समय का उपयोग करना चाहिए। परीक्षा कक्ष से बाहर आने की जल्दी नहीं करनी चाहिए। अपनी उत्तर पुस्तिका को कक्ष निरीक्षक को व्यक्तिगत रुप से देकर ही बाहर आए।

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