प्रयागराज (राजेश सिंह/विमल पाण्डेय)। मेजा के कोहड़ार घाट स्थित मेजा ऊर्जा निगम पावर प्लांट स्थित है। प्लांट की चिमनियों को इलाके के पत्थर खदानों में होने वाले विस्फोटों से खतरा उत्पन्न हो गया है। इसको लेकर एनटीपीसी ने आपत्ति जताई थी। इस मामले में शासन ने गंभीरता बरती है। सरकार के निर्देश पर खनन विभाग ने बड़े विस्फोट पर रोक लगा दी है। एनटीपीसी लिमिटेड और उत्तर प्रदेश विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड का संयुक्त उपक्रम मेजा ऊर्जा निगम 1980 मेगावाट क्षमता का है। इसकी चिमनियों को पत्थर खदानों में होने वाले बड़े विस्फोटों से खतरे की आशंका थी। धमाकों से ऊंची चिमनियां प्रभावित न हो, इसके लिए एनटीपीसी की ओर से जिला प्रशासन व खनन निदेशालय ठोस कदम उठाने को कहा गया था। अब इस ओर जिला प्रशासन और खनन विभाग की ओर से कड़े निर्देश जारी करते हुए पत्थर खदानों में बड़े विस्फोटों पर रोक लगा दी गई। पत्थर खदानों में पहले तीन इंच की गोलाई में जमीन के अंदर गड्ढा कराकर 11 मीटर नीचे विस्फोटक रख कर उसे जमीन के अंदर विस्फोट कराया जाता था, अब इस रोक लगाते हुए एक इंच की गोलाई में गड्ढा कर कर तीन मीटर नीचे तक ही विस्फोट कराया जा सकेगा। मतलब, बड़े विस्फोट नहीं कराए जाएंगे और अब छोटे विस्फोटों से ही जमीन के नीचे पत्थर के चट्टान तोड़े जा सकेंगे। इससे पावर प्लांट की चिमनियां तो सुरक्षित हो ही जाएंगी बल्कि तेज धमाकों से होने वाले ध्वनि प्रदूषण पर भी नियंत्रण होगा। साथ ही वन्य जीवों का भी संरक्षण हो सकेगा। प्रयागराज के डीएम संजय कुमार खत्री कहते हैं कि पावर प्लांट की चिमनियों को सुरक्षित करने के लिए पत्थर खदानों में बड़े विस्फोट पर रोक लगा दी गई है। पट्टाधारकों को इसके लिए निर्देश जारी हो गए हैैं।