प्रयागराज (राजेश सिंह/श्रीकान्त यादव)। प्रयागराज मे जिला अस्पताल से पैदल ही बेटे का शव कंधे पर ले जाने की घटना ने तूल पकड़ लिया। एसडीएम व सीएमओ ने पीड़ित के घर पहुंचे हैं। अस्पताल से बेटे की लाश कंधे पर लेकर जाने वाली घटना की गूंज शासन तक पहुंच गई है। शासन से मामले में दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। इस पर डीएम संजय कुमार खत्री की ओर से जांच कमेटी गठित कर दी गई है। कमेटी को 24 घंटे में रिपोर्ट देना है। पीड़ित परिवार को पांच लाख रुपये की आर्थिक मदद के निर्देश दिए गए हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना और शौचालय का लाभ भी देने को कहा गया है। इस बीच एसडीएम करछना और सीएमओ दोपहर में पीड़ित के घर जाकर परिवार से मिले। करछना के रामपुर सेमरहा गांव निवासी बजरंगी यादव के नौ वर्षीय बेटे की मंगलवार को गांव के मंदिर के पास करंट लगने के बाद एसआरएन अस्पताल में मौत हो गई थी। पोस्टमार्टम के बाद पुलिस वाले चले गए। बजरंगी ने बेटे के शव को घर ले जाने के लिए एंबुलेंस वालों से बातचीत की। एंबुलेंस संचालक ने 2200 रुपये भाड़ा बोला। इतने पैसे बजरंगी के पास नहीं थे तो वह बेटे के शव को कंधे पर लादकर पत्नी के साथ पैदल ही घर के लिए रवाना हो गए। इसका वीडियो वायरल होने पर हड़कंप मच गया। कमिश्नर ने जांच और एक्शन लेने के आदेश दिए। इस मामले में डीएम ने पुलिस, प्रशासन, सीएमओ, मेडिकल कालेज प्रशासन और बिजली विभाग के अफसरों को तलब किया है। भविष्य में इस तरह के प्रकरण सामने न आएं, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग व मेडिकल कालेज की ओर से दो कर्मचारियों को पोस्टमार्टम हाउस में तैनात करने के डीएम ने निर्देश दिए हैं। यह व्यवस्था शुक्रवार से लागू करने के लिए कहा गया है। यही दोनों कर्मचारी शवों को घर भेजने की व्यवस्था करेंगे। इसके अलावा प्राइवेट एंबुलेंस का किराया भी निर्धारित कराने के लिए एडीएम सिटी, एसपी ट्रैफिक तथा आरटीओ को निर्देशित किया गया है। इस बीच गुरुवार दोपहर एसडीएम करछना रेनू सिंह रामपुर सेमरहा गांव में बजरंगी यादव के घर पहुंची। उन्होंने घटना की जानकारी ली और तुरंत कोटे की दुकान से खाद्यान्न की व्यवस्था कराई। आधार नहीं होने के कारण इस मजदूर परिवार को मुफ्त में राशन भी नहीं मिल पा रहा था। कोटेदार ने राशन देने से इन्कार कर दिया था। एसडीएम ने करंट लगने की घटना की भी जानकारी ली। ग्रामीणों ने बताया कि हाल ही में नए खंभे और तार लगाए थे, जिसका काम ठीक से नहीं होने से खंभे के स्टे वायर में करंट उतर रहा था, जिसकी चपेट में बजरंगी का पुत्र शुभम आ गया था। लगभग एक घंटे तक जांच के बाद एसडीएम चली गईं। फिर सीएमओ डा.नानक सरन भी गांव पहुंचे। उन्होंने सबसे पहले किस अस्पताल में इलाज कराने और शहर के किस अस्पताल में मौत होने के बारे में पूछताछ की। दूसरी ओर मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल डा.एसपी सिंह ने पोस्टमार्टम हाउस व एसआरएन हास्पिटल में एंबुलेंस संचालकों से लेकर अन्य व्यवस्था को लेकर छानबीन की।
एसएसपी प्रयागराज शैलेश कुमार पांडेय ने जिस सिपाही की ड्यूटी शव के लिए लगाई गई थी, उसका विवरण पुलिस लाइन से तलब किया है। सिपाही की जिम्मेदारी थी कि वह पोस्टमार्टम के बाद परिवार के साथ रहता लेकिन वह बिना कुछ देखे सुने वहां से चला गया था।
डीएम प्रयागराज संजय कुमार खत्री ने शहर के विभिन्न चौराहों तथा रास्ते में नैनी तक लगे पुलिस के सीसीटीवी कैमरे की इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर (आइट्रिपलसी) में मानीटरिंग करने वाले स्टाफ के खिलाफ भी जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। डीएम का कहना है कि उच्च स्तरीय क्षमता के सीसीटीवी कैमरे किस काम के हैं, शव लेकर व्यक्ति पैदल जा रहा है और कंट्रोल रूम में बैठे निगरानी करने वाले देख नहीं सके, यह उनकी लापरवाही है।