प्रयागराज (मनोज तिवारी)। आजादी के 75वें वर्ष अमृत महोत्सव कार्यक्रम एवं राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम के अंतर्गत गुरूवार को प्राचार्या डॉ गीतांजली मौर्य के निर्देशन में अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर "शिक्षा: सर्वांगीण विकास का आधार" विषय पर डॉक्टर तनया राय सहायक आचार्य समाजशास्त्र विभाग सीएमपी पीजी कॉलेज प्रयागराज का व्याख्यान हुआ। जिसके अंतर्गत डॉ राय ने बताया कि
शिक्षा का मुख्य उद्देश्य मनुष्य का सर्वांगीण विकास है। साक्षरता शिक्षा का अंत या प्रारंभ नहीं है बल्कि यह एक साधना है जो व्यक्ति को शिक्षित होने का आधार देती है। शिक्षा चरित्र का निर्माण,मनुष्य का बौद्धिक क्षमता में वृद्धि एवं सर्वांगीण विकास करती है, जिससे मनुष्य जीवन पथ पर आने वाली समस्याओं का समुचित समाधान कर सके।
दूसरा व्याख्यान "बालिका शिक्षा" पर राष्ट्रीय सेवा योजना के अंतर्गत हुआ।जिसे डॉक्टर हेमलता पंत, सहायक आचार्य, जंतु विज्ञान विभाग, सीएमपी पीजी कॉलेज प्रयागराज ने "भारत के विकास में बालिका शिक्षा के महत्व" विषय पर अपना व्याख्यान दिया। जिसमे डॉ पंत ने बताया कि यदि एक पुरुष शिक्षित होता है तो वह स्वयं में शिक्षित होता है, लेकिन यदि कोई बालिका या महिला शिक्षित होती है तो वह पूरे परिवार को शिक्षित करती है तथा पूरे समाज को शिक्षित कर सकती है डॉक्टर पंत ने महान शिक्षाविद तथा भारत की प्रथम शिक्षिका श्रीमती सावित्री देवी फुले के विषय में पूरी जानकारी भी दी। कार्यक्रम का संचालन डॉ मनोज कुमार सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ एसपी यादव ने किया।