एस जी टी पब्लिक स्कूल में उल्लास पूर्वक मनाया गया हिंदी दिवस
मेजा,प्रयागराज।(हरिश्चंद्र त्रिपाठी)
हिंदी हमारी मातृभाषा है। हमें ज्यादा से ज्यादा इसका उपयोग करना चाहिए। यह हमें एक सूत्र में बांधने का काम करती है। इसलिए हमें इसका मान-सम्मान करना चाहिए। यह तभी संभव होगा जब हम हिंदी बोलेंगे, पढ़ेंगे और अपने दैनिक जीवन में इसका इस्तेमाल करेंगे।उक्त बातें शिवगुलब तिवारी पब्लिक स्कूल मेंडरा के प्रधानाचार्य पवन तिवारी ने हिंदी दिवस के मौके पर व्यक्त की।उन्होंने कहा कि मातृभाषा हिंदी को मनोवैज्ञानिक नजरिये से देखें तो यह सीखने में मुश्किल नहीं है। हिंदी संपर्क एवं राजभाषा के रूप में लगातार बढ़ रही है। 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। 1949 को इसी दिन संविधान सभा में हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया गया था। अंग्रेजी भाषा के बढ़ते चलन और हिंदी की अनदेखी को रोकने के लिए 1953 से हर वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाने की शुरुआत की गई। शिक्षिका पूनम तिवारी ने कहा कि हिंदी की अनदेखी राष्ट्रहित में नहीं है। हिंदी दिवस पर यह संकल्प लेना चाहिए कि हम अपने जीवन में हिंदी को महत्वपूर्ण स्थान देंगे।भले ही आज हम अंग्रेजों से आजाद हो चुके हों लेकिन उनकी भाषा आज भी हम लोगों को कहीं न कहीं जकड़े हुए है। उन्होंने कहा कि जैसे हम आज अंग्रेजी भाषा को महत्व देते हैं, वही स्थान हिंदी भाषा को क्यों नहीं दे सकते। जो हमारी मातृभाषा है। शिक्षक और अभिभावक को हिंदी के मान को बढ़ाने के लिए आगे आना होगा। बच्चों को बचपन से ही हिंदी का ज्ञान दें और उनसे हिंदी में ही बात करें। इसी क्रम में प्राथमिक विद्यालय मेंडरा के प्रधानाध्यापक अनिल कुमार ने कहा कि
विश्व के ज्यादातर देशों की पहचान उनकी भाषा से है। एक देश-एक भाषा को अनिवार्य रूप से लागू किया जाना चाहिए। हमारे देश में अधिकांश लोग हिंदी भाषी है, परंतु अंग्रेजी भाषा के कारण किसी व्यक्ति की शिक्षा में अवरोध आए ऐसा नहीं होना चाहिए। किसी कार्यक्रम में अगर हिंदी बोलो तो ऐसा लगता है जैसे कि कोई अपराध कर दिया हो। सभी को अब हिंदी का मान बढ़ाने के लिए आगे आना होगा। इस मौके पर स्कूल के बच्चों ने हिंदी दिवस पर निबंध प्रतियोगिता में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया।कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन और पुष्प अर्पित कर किया।साधना,शिवानी और ममता सहित समस्त शिक्षक मौजूद रहे।