कौशांबी (राजेश सिंह)। आज के युग में भी अंधविश्वास का अंधकार कुछ लोगों के मन से नहीं हट पा रहा है। विज्ञान के युग में भी आस्था के नाम पर लोग ऐसा कर जाते हैं कि उनकी जान की मुसीबत भी बन जाती है। ऐसा ही कुछ मामला यूपी के कौशांबी जनपद में शनिवार की सुबह नजर आया। एक व्यक्ति ने 51वीं शक्तिपीठ के नाम से प्रसिद्ध शीतला माता मंदिर में अपनी जीभ ब्लेड से काट ली। लहूलुहान हाल में उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कौशांबी के सिराथू तहसील और सैनी थाना क्षेत्र में 51वीं शक्तिपीठ कड़ा धाम है। यहां मां शीतला का मंदिर है। मां के दर्शन के लिए दूर-दूर से भक्त यहां आकर पूजन-अर्चन करते हैं। आज शनिवार की सुबह पश्चिम शरीरा क्षेत्र के पूरब शरीरा निवासी 45 वर्षीय संपत लाल पुत्र दुर्गा कुमार भी मां शीतला के दर्शन के लिए पहुंचा था। उसके साथ उसकी पत्नी बन्नू देवी भी थी। मां के दरबार में पहुंचने के बाद संपत लाल और उसकी पत्नी बन्नू देवी कड़ा धाम मंदिर की सीढ़ी पर पहुंचे। इसी दौरान संपत लाल ने जेब में रखा ब्लेड निकाल लिया और उससे अपनी जीभ काट ली। चीखते हुए वह वहीं गिर पड़ा और खून की धान निकलने लगी। कड़ा धाम में अचानक हुई इस घटना से संपत लाल की पत्नी बन्नू रोने लगी। आसपास मौजूद अन्य भक्त भी सहम गए। तत्काल लोगों ने पुलिस को सूचित किया। कड़ा धाम के पंडे भी पहुंचे। इसी बीच वहां पहुंची पुलिस ने एंबुलेंस से गंभीर रूप से जख्मी संपत लाल को जिला अस्पताल इलाज के लिए भेजा। इस संबंध में जख्मी संपत लाल ने ऐसा क्यों किया, फिलहाल कारण नहीं पता चल सका है। संपत लाल की पत्नी बन्नू देवी ने बताया कि कोई विवाद उसका पति के साथ नहीं हुआ फिर उन्होंने अचानक ऐसा क्यों किया, वह भी नहीं समझ पाई।
शीतला धाम मंदिर समिति अध्यक्ष ने कहा- आस्था रखें, अंधविश्वास नहीं
कौशांबी के कड़ा धाम मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष आत्म प्रकाश पंडा ने कहा कि माता शीतला भक्तिन हैं। वह शीतलता प्रदान करने वाली देवी हैं। माता किसी भी जीव की बलि नहीं लेती हैं। यहां तक कि मंदिर क्षेत्र में नारियल तोडने पर भी सख्त मनाही है। यहां तक कि मंदिर में नाखून काटना भी पाप के बराबर माना जाता है। ऐसे में अंधविश्वास के चक्कर में ऐसा कोई भी गलत कार्य न करें जिससे आप पाप के भागीदारी बनें।