लखनऊ (राजेश सिंह)। यूपी में सोमवार को विधानमंडल सत्र के पहले दिन विपक्ष सड़क पर उतर आया और प्रदेश सरकार को घेरने की कोशिश की। सत्र के पहले दिन सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पार्टी विधायकों व कार्यकर्ताओं के साथ पार्टी कार्यालय से पैदल मार्च करते हुए विधानभवन की तरफ जा रहे थे कि पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक लिया। इस दौरान नाराज अखिलेश यादव सपाइयों के साथ सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। उन्होंने कहा कि हमें पैदल मार्च की अनुमति दी गई थी अब प्रशासन रास्ता बदल रहा है। इस दौरान जमकर हंगामा हुआ। सपा ने सड़क पर ही छद्म विधानसभा बनाई और दिवंगत पूर्व विधायक के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की।
अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश की जनता महंगाई, बेरोजगारी और खराब कानून व्यवस्था से जूझ रही है। किसान परेशान हैं। सरकार उनकी समस्याओं पर ध्यान न देकर सिर्फ प्रचार कर रही है। उधर, विधानसभा में जाने से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मीडिया से कहा कि इस सत्र से जनता को बहुत उम्मीदें हैं। हम विपक्ष के हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार हैं। विपक्ष को सदन को चलाने में सहयोग करना चाहिए। सदन में पहले दिन पूर्व विधायक को श्रद्घांजलि अर्पित कर कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई। इसके बाद सपा ने भी अपना धरना समाप्त कर दिया।
पैदल मार्च के कारण सपा कार्यालय से लेकर विधानभवन तक सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे और भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। अखिलेश यादव के साथ में बड़ी संख्या में सपा कार्यकर्ता मौजूद थे। उन्होंने कहा कि प्रशासन पहले पैदल मार्च की अनुमति देकर अब रास्ता बदल रहा है। पदयात्रा को लेकर विक्रमादित्य मार्ग को छावनी बना दिया गया। वीवीआईपी चौराहा से लेकर सपा कार्यालय तक बैरिकेडिंग कर भारी संख्या में फोर्स लगा दी गई। इस रास्ते पर आम लोगों का आवागमन बंद कर दिया गया था। सपा के पहले दिन के प्रदर्शन को देखकर लग रहा है कि विधानमंडल सत्र हंगामेदार होने के आसार हैं। विधानमंडल सत्र 23 सितंबर तक चलेगा। विपक्ष ने महंगाई, कानून-व्यवस्था व किसानों के मुद्दे पर सरकार को घेरने का एलान किया है।