मेजा, प्रयागराज।(हरिश्चंद्र त्रिपाठी)
शांति और भाईचारे का प्रतीक कहे जाने वाला अदब की सरजमी मेजा में सोमवार को मेजा बाजार से लेकर कर्बला तक चेहल्लुम का जुलूस बड़ी अकीदत के साथ निकाला गया। चेहल्लुम के जुलूस में सैकड़ों मातमी अंजुमनो ने कर्बला के 72 शहीदों को मातम और सीनाजनी करके पुरसा पेश किया। इस दौरान हजारों की तादाद में इमाम हुसैन से अकीदत रखने वाले लोगों ने जुलूस में हिस्सा लिया।मोहर्रम के चालीस दिन बाद मेजा में सोमवार को चेहल्लुम का जुलूस निकाला गया। मातमी माहौल नम आंखों से इमाम हुसैन को याद करते हुए समाज के लोग कर्बला पहुंचे। यहां नौहाख्वानी पढ़ने के बाद ताजिया दफन किए गए।
सोमवार को मौहम्मद साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन की शहादत के चालीसवें पर मेजा में चेहल्लुम के ताजिए मातमी जुलूस के साथ निकाले गए। इसके पीछे मुस्लिम समाज के सैकडों लोग नम आंखों से इमाम हुसैन को याद करते हुए चल रहे थे।
चेहल्लुम का जुलूस मेजा के बरगद तिराहे से होता हुआ करबला पहुंचा। यहां नम आंखों से नौहाख्वानी पढी गई और ताजियों को कर्बला में दफन किया गया।सुरक्षा की दृष्टि से प्रभारी निरीक्षक धीरेंद्र सिंह के नेतृत्व में मेजा पुलिस के जवान तैनात रहे। जिसके कारण चेहल्लुम का जुलूस शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया।