लखनऊ (राजेश सिंह)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सपा शासन के बाद उन्हें विरासत में मिली चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं की विकृति को केंद्र व प्रदेश की डबल इंजन की भाजपा सरकार सुधार रही है। मंगलवार को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव के आरोपों पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि सपा और सच एक नदी के दो किनारे हैं जो कभी एक नहीं हो सकते है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार सहित हर क्षेत्र में बेहतरीन काम कर रही है ऐसे में नेता प्रतिपक्ष यदि सहयोग नहीं कर सकते हैं तो अड़ंगा भी न लगाएं। मानसून सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को मुख्यमंत्री ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष को सच बोलने की आदत डालनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 04 बार सपा की सरकार रही। लेकिन प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने की कोई कोशिश नहीं की गई। यहां तक कि गोरखपुर व आसपास के जिलों में इंसेफेलाइटिस से मासूम बच्चों की हर साल सैकड़ों मौतें होती रहीं। लेकिन सपा की ओर से संवेदना का एक भी शब्द नहीं फूटा।
मुख्यमंत्री ने कि गोरखपुर मे एम्स की स्थापना मे सपा ने अडंगा लगाया था। 2017 में भाजपा सरकार बनने पर एम्स की जमीन की रजिस्ट्री हुई। सपा सरकार में प्रदेश में सीएचसी और पीएचसी बंदी की कगार पर थे। जिला अस्पतालों की हालत दयनीय थी। उन्होंने कहा कि सपा शासन में मानसून के दौरान पूर्वांचल में इंसेफेलाइटिस का कहर होता था। हर साल 1200 से 2000 तक मासूम बच्चों की मौत होती थी। उन्होंने कहा कि इनमें से अधिकांश बच्चे अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक वर्ग और पिछड़ा वर्ग परिवारों के थे। उन्होंने कहा कि इंसेफेलाइटिस का टीका 1905 में ही जापान में आ गया थाए लेकिन भारत तक पहुंचने में उसे 100 साल लग गए। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार पर सवाल उठाने से पहले अखिलेश को अपने कार्यकाल के बारे में सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार के प्रयासों का ही नतीजा है कि इस साल अब तक गोरखपुर में एईएस के 40 और जेई के मात्र 07 मामले आये हैं और एक भी बच्चे की मृत्यु नहीं हुई है।
स्वास्थ्य सेवाओं में हुआ बेहतरीन सुधार
मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 4 व 5 का हवाला देते हुए कहा कि बीते साढ़े पांच साल में स्वास्थ्य क्षेत्र में बेहतरीन सुधार हुआ है। एनीमिया की रोकथाम की कोशिशों का ही नतीजा है कि आज प्रदेश में राष्ट्रीय औसत से बेहतर हालात हैं। मातृ व शिशु मृत्यु दर में लगातार सुधार हो रहा है। 108 एम्बुलेंस के रेस्पॉन्स टाइम को कम किया गया है। सरकार के लिए 25 करोड़ प्रदेशवासी परिवार का हिस्सा हैं।
कोरोना के समय कहां थे अखिलेश
मुख्यमंत्री ने काह कि कोरोना संक्रमण की पहली, दूसरी और तीसरी लहर के समय अखिलेश यादव कहां थे यह किसी को नहीं पता। उन्होंने संक्रमण के दौरान जनता की सुध नहीं ली। उन्होंने कहा कि कोविड टीके को लेकर अखिलेश यादव की ओर से की गई राजनीति को निंदनीय बताते हुए मुख्यमंत्री ने इसे जनता के जीवन से खिलवाड़ करने वाला कृत्य करार दिया।
खुश होने की जगह अड़ंगा लगा रहे अखिलेश
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के हर जिले में मेडिकल कॉलेज खुल रहे हैं। गांवों में साप्ताहिक आरोग्य मेले लग रहे हैं। इंसेफेलाइटिस खत्म हो रहा है तो नेता प्रतिपक्ष को खुश होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अखिलेश सहयोग भले न कर सकें लेकिन कम से कम गलत और भ्रामक बयान देकर प्रदेश की बेहतरी में अड़ंगा तो न लगाएं। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष होने के नाते जनता को भ्रमित करना, गुमराह करना इन्हें शोभा नहीं देता। सदन में बोलने से पहले नेता प्रतिपक्ष को आंकड़ों का सत्यापन कर लेना चाहिए।