लखनऊ (राजेश सिंह)। प्रदेश में बिगड़ी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं का आरोप लगाते हुए समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल ने मंगलवार को विधानसभा में जमकर हंगामा किया। नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने सरकार पर गरीबों को उचित इलाज और चिकित्सा सुविधाएं नहीं देने का आरोप लगाया। यादव ने आरोप लगाया कि प्रदेश में लोगों को इलाज नहीं मिलने के कारण मानव अधिकार आयोग को सरकार से जवाब तलब करना पड़ रहा है जबकि भाजपा डबल इंजन सरकार में विश्व में सबसे बेहतरीन कार्य यूपी में होने का दावा करती है। प्रश्नकाल की शुरुआत में सपा और रालोद के सदस्यों ने वैल में आकर नारेबाजी की। वहीं सरकार के जवाब से असंतुष्ट होने पर सदन का बर्हिगमन किया। विधानसभा में मंगलवार को प्रश्नकाल शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने सीतापुर में एक मरीज को लखनऊ में भर्ती नहीं करने पर मानव अधिकार आयोग की ओर से सरकार को दिए गए नोटिस का मुद्दा उठाया। सपा और रालोद के विधायकों ने मामले को नियम 311 के तहत उठाते हुए सदन की कार्यवाही रोककर इस मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि यह इतना महत्वपूर्ण मुद्दा नहीं है कि नियम 311 के तहत इस पर सदन की कार्यवाही रोककर चर्चा कराई जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी दल के सदस्य सदन का समय बर्बाद कर बेवजह हंगामा कर रहे है। जबकि योगी सरकार के कार्यकाल में पूरे चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सहित हर क्षेत्र में सुधार हुआ है। संसदीय कार्यमंत्री के बयान के बाद सपा और रालोद के विधायकों ने वैल में आकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। सपा के मुख्य सचेतक मनोज पांडेय ने मांग रखी कि प्रश्नकाल के बाद नियम 56 के तहत इस मुद्दे पर चर्चा कराई जाए। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने इस मांग को स्वीकार किया तो विपक्षी दल के विधायकों ने हंगामा शांत किया। प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने सीतापुर के मामले को पुन: सदन में रखते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर सरकार पर निशाना साधा। अखिलेश ने आरोप लगाया कि अस्पतालों में इलाज नहीं मिलने के कारण मरीजों की मौत हो रही है। मरीजों को घर से अस्पताल तक लाने के लिए एम्बुलेंस नहीं मिल रही है। इतना ही नहीं अस्पताल में जिन मरीजों की मौत हो रही है उन्हे भी वापस घर तक भेजने की कोई व्यवस्था नहीं है। कहीं लोग मोटरसाइकिल पर लाश ले जा रहे हैं तो कहीं पर ठेले पर रखकर लाश ले जाने को मजबूर है। उन्होंने आरोप लगाया कि अस्पतालों में खून, पेशाब की जांच नहीं हो रही है और एक्सरे, एमआरआई और सीटी स्कैन जैसी जांच को सरकार निजी हाथों में दे रही है। उन्होंने गोंडा में गर्भवती महिला को गलत इंजेक्शन लगाने से हुई उसकी मौत का मुद्द उठाते हुए कहा कि कन्नौज मेडिकल कॉलेज के हृदयरोग विभाग पर ताले लगे मिले हैं, मेडिकल कॉलेज में कुत्ते घूमते मिले। अखिलेश ने आरोप लगाया कि सरकार ने एक रुपये की अस्पताल पर्ची की कीमत दस रुपये कर कर दी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री राहत कोष या विधायक निधि से होने वाले इलाज में भी सरकार कंजूसी कर रही है।
झोलाछाप डाक्टर की तरह छापामार मंत्री
अखिलेश यादव ने कहा कि झोलाछाप डॉक्टर की तरह उप मुख्यमंत्री भी छापामार मंत्री हो गए है। उन्होंने कहा कि जैसे झोलाछाप डाक्टर की कोई मान्यता नहीं है ऐसे ही उप मुख्यमंत्री की भी कोई मान्यता नहीं है। उप मुख्यमंत्री की ओर से इतनी छापेमारी की गई, वह खुद शर्मिंदा भी हुए लेकिन उसका अस्पतालों की व्यवस्था पर कोई असर नहीं हुआ। उन्होंने चुटकी लेते हुए कि इनके उप मुख्यमंत्री बनने से दो मंत्री बेरोजगार हो गए। चिकित्सा विभाग में तबादले हो गए मंत्री को पता नहीं चला। उन्होंने कहा कि लगता है कि नेता सदन उप मुख्यमंत्री को बजट नहीं दे रहे है।
मानक के विपरीत चल रहे मेडिकल कॉलेज
नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि प्रदेश में मेडिकल कॉलेज मानक के विपरीत चल रहे है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार चिकित्सकों की स्थायी भर्ती करने की जगह आउटसोर्सिंग कर रही है।
पता नहीं कहां से सीखा विश्व में नंबर वन
अखिलेश यादव ने कटाक्ष करते हुए कहा कि सरकार ने पता नहीं कहां से सीख लिया है कि विश्व की नंबर वन व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर चिकित्सा विश्वविद्यालय नहीं बन सका है और पूर्व मुख्यमंत्री के नाम पर स्थापित हो रहे कैंसर इंस्टीट्यूट के लिए भी सरकार जमीन नहीं दे रही है।
लगता है दिल्ली वाले मदद नहीं कर रहे
अखिलेश यादव ने चुटकी लेते हुए कहा कि लगता है प्रदेश सरकार की दिल्ली वाले मदद नहीं कर रहे है। उन्होंने कहा कि दिल्ली वालों को बताइये कि दिल्ली का रास्ता यूपी होकर ही जाता है।