मेजा,प्रयागराज। (हरिश्चंद्र त्रिपाठी)
नौ दिन तक पांडालों में विराजमान देवी प्रतिमाओं को दशहरा के दिन हवन-पूजन और आरती के बाद विसर्जित किया गया। इसके बाद भक्तों ने मां के जयकारों के साथ शोभायात्रा निकाल कर मातारानी को विदाई दी।मेजा से अधिकांश देवी प्रतिमाएं देवरी बांध में विसर्जित की गईं। सुरक्षा व सुविधा की दृष्टि से दुर्गा कमेटियों ने पास के निर्धारित तालाबों में मां दुर्गा की प्रतिमा को विसर्जित किया।
क्षेत्र में श्रद्घालु द्वारा नव दुर्गा महोत्सव के बाद दशहरा के दिन सुबह से ही हवन - पूजन किया गया, इसके बाद आरती कर प्रसाद वितरण कर मां के जयकारे लगाए। तत्पश्चात पांडालों से देवी प्रतिमाओं को वाहनों में रखकर शोभायात्रा निकाली।भक्त मानों होली के रंग में सराबोर एक दूसरे को अबीर गुलाल लगाते डीजे पर बज रहे दुर्गा गीत की धुन पर थिरकते हुए बांध/तालाबों तक पहुंचे। जहां पर बने कृत्रिम कुंड में नम आंखों से विसर्जन किया। बता दें कि शारदीय नवरात्र में नौ दिन तक घर-घर, मंदिरों और पंडालों में मां दुर्गा की पूजा की गई। दशमी के दिन मां दुर्गा की बैंडबाजों के साथ शोभायात्रा निकाली गई। देवी विसर्जन के लिए निर्धारित तालाबों ,पोखरों और बांधों पर पहुंचे। जहां पर भक्तों ने एक दूसरे को रंग गुलाल लगाया।बाजारों और गांवों में अनेक जगह सजे मां भवानी के दरबार मां की विदाई के साथ सूने हो गए हैं।
देवी विसर्जन शोभायात्रा में आगे बैंडबाजों की धुन पर श्रद्धालु नृत्य करते चल रहे थे। शोभायात्रा पंडालों से शुरू होकर बाजार और गांवों में भ्रमण करते हुए निर्धारित स्थल तक पहुुंची। भक्त मां की आरती के बाद जयकारों से माहौल भक्तिमय बना रहे थे।तालाबों और बांधों पर समाजसेवियों द्वारा प्रसाद वितरण किया गया। विसर्जन का पूरा कार्यक्रम भक्तों के कैमरे की निगरानी में रहा।इस मौके पर पुलिस प्रशासन की व्यवस्था दुरूस्त रही। इस दौरान पंकज मोदनवाल,मुकेश मोदनवाल,सक्षम श्रीवास्तव,पाली केशरी,पवन मोदनवाल,राजू केशरी,पप्पू कुशवाहा,हिमांशु मोदनवाल,सुजीत मोदनवाल,शनि गुप्ता,राहुल प्रजापति,शनि केशरी आदि भक्तगण मौजूद रहे।