वाराणसी (राजेश सिंह)। गंगा में एक बड़ा हादसा टल गया। 34 यात्रियों से भरी नाव डूबने से बची। दरभंगा घाट के सामने से उस पार रेती पर जाते समय नाव में पानी भरने से नाव का संतुलन बिगड़ा और नाव पलटने से यात्रियों में चीख पुकार मच गई। तुरंत आसपास के नाविक और जल पुलिस मौके पहुंची और सभी को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।
इसमें दो यात्रियों को हल्की चोट आई हैं। दोनों पति-पत्नि हैं। जिन्हें बीएचयू में एडमिट कराया गया। बताया जा रहा है कि अब पी आदिनारायण और पी विजया की हालत सामान्य है और उनको इमरजेंसी से जनरल वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है।
वहीं, दशाश्वमेध थाने की पुलिस ने नाविक को हिरासत में लिया है। सभी यात्रियों को दूसरे नाव से गंतव्य को भेजा गया। दशाश्वमेध थाने की पुलिस ने नाविक को हिरासत में लिया है। सभी यात्रियों को दूसरे नाव से गंतव्य को भेजा गया।
दक्षिण भारत के 34 यात्रियों का समूह गंगा में नौकायन करने निकला। केदार घाट के रहने वाले अमित साहनी के नाव में सभी सवार हुए। दरभंगा घाट से उस पार रेती की तरफ जाते समय शनिवार की सुबह नाव में अचानक पानी भरने लगा। पुरानी नाव होने के कारण नाव में धीरे धीरे पानी भरने लगा। यात्रियों ने शोर मचाया। आरोप है कि इस दौरान नाविक कूद कर भाग निकला। शोर शराबा-चीख पुकार सुन समय पर मल्लाह और पुलिस पहुंच गई। इस वजह से सभी को तुरंत बचा लिया गया। पुलिस मौके से एक नाविक को हिरासत में लिया है।
हादसे के शिकार हुए लोगों में से तमिलनाडु की दंपत्ति आदि नारायणा और ओपी विजया का हाल जानने तथा इलाज की व्यवस्था देखने जिलाधिकारी एस. राजलिंगम बीएचयू इमरजेंसी वॉर्ड में पहुंचे। सीएमओ डा.संदीप चौधरी तथा बीएचयू सीएमएस डा.के.के.गुप्ता से मौके पर मरीजों की स्थिति और इलाज के बारे में पूछताछ की।
घटना के बाद काशी के पुलिस कमिश्नर ए.सतीश गणेश ने नाव दुर्घटना के पीड़ितों से बातचीत की। सभी पीड़ित आंध्र के राजामंद्री जिले के निवासी हैं। पुलिस कमिश्नर ने अपनी मातृ भाषा तेलुगू में कई लोगों से बातचीत की। घायलों के इलाज के लिए बीएचयू के डॉक्टर्स से भी बातचीत की। पुलिस प्रशासन द्वारा तत्काल गोताखोरों की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया था। पुलिस कमिश्नर ने भरोसा दिलाया है कि प्रशासन हर संभव मदद करेगा। घायलों का बेहतर से बेहतर इलाज कराया जायेगा।