आवारा कुत्तों के झुंड ने हिरनों के बाड़े में घुसकर किया हमला
प्रयागराज (राजेश सिंह)। प्रयागराज के झूंसी थाना क्षेत्र के छतनाग गांव स्थित एमपी बिरला गेस्ट हाउस परिसर के बाड़े में रखे गए हिरनों के कुनबे पर सोमवार की आधी रात को आवारा कुत्तों के झुंड ने हमला कर दिया। आवारा कुत्ते तकरीबन छह फीट ऊंचे बाड़े की बैरीकेटिंग को फांदकर भीतर घुसे थे। कुत्तों के हमले में 20 हिरन तथा एक चिंकारे की मौत हो गई। मंगलवार की सुबह गेस्ट हाउस में काम करने वाले कर्मचारियों की नजर बाड़े में खून से लथपथ मरे पड़े हिरनों के झुंड पर पड़ी तो सन्न रह गए।
मामले की जानकारी तत्काल वन विभाग को दी गई। वन विभाग की टीम मंगलवार की दोपहर गेस्ट हाउस पहुंची तथा मारे गए हिरनों का पशु चिकित्सकों की मौजूदगी में पोस्टमार्टम कराया गया। बाद में सभी हिरनों को गेस्ट हाउस परिसर में ही दफन कर दिया गया। एक साथ डेढ़ दर्जन से ज्यादा हिरनों की मौत से ग्रामीणों में भी खलबली मची रही।
झूंसी के छतनाग गांव में बिरला के स्कूल, अस्पताल के साथ ही विशालकाय भू भाग पर गेस्ट हाउस भी है। बिरला आनंद कानन गेस्ट हाउस परिसर के भीतर सभी अत्याधुनिक सुविधाएं हैं। पर पिछले कई साल से गेस्ट हाउस में किसी का भी प्रवेश वर्जित है। यहां पर कभी-कभार झूंसी थाने में तैनात पुलिसकर्मी ही आते-जाते रहते हैं। गेस्ट हाउस परिसर के भीतर विशाल भू भाग पर हिरनों के एक कुनबे को भी बाड़ा बनाकर रखा गया है।
वन विभाग से लाइसेंस मिलने के बाद हिरनों के बाड़े को स्थापित किया गया था। डेढ़ दर्जन से ज्यादा हिरन यहां पर तकरीबन डेढ़ दशक से रखे गए हैं। गेस्ट हाउस परिसर से सटा हिस्सा गंगातट का किनारा है। यहां पर भारी मात्रा में आवारा कुत्ते हैं। इसी बीच सोमवार की देर रात को तकरीबन एक दर्जन कुत्तों के झुंड ने हिरनों के बाड़े पर हमला कर दिया। आवारा कुत्तों का झुंड हिरनों के बाड़े के तकरीबन छह फीट ऊंचे बैरिकेटिंग को फांदकर भीतर घुसा था।
एक साथ घुसे कुत्तों के झुंड ने हिरनों पर हमला बोल दिया। इनमें से सात से ज्यादा हिरनों को कुत्तों के झुंड ने नोचकर बुरी तरह लहूलुहान कर दिया था। अन्य हिरनों पर पर भी कुत्तों के झुंड ने हमला कर बुरी तरह जख्मी कर दिया था। कुत्तों के हमले में 20 हिरन तथा एक चिंकारे की मौत हो गई। मंगलवार की सुबह गेस्ट हाउस में काम करने वाले कर्मचारियों की नजर बाड़े में खून से लथपथ मरे पड़े हिरनों के झुंड पर पड़ी तो सन्न रह गए।
मामले की जानकारी कर्मचारियों ने तत्काल वन विभाग के कर्मचारियों को दी। इस पर वन क्षेत्राधिकारी फूलपुर अशोक कुमार, वन दरोगा इंद्रकांत सिंह के अलावां पशु चिकित्सकों की टीम मौके पर पहुंची। बाद में सभी हिरनों का पोस्टमार्टम करने के बाद उन्हें गेस्ट हाउस परिसर में ही दफना दिया गया। एक साथ डेढ़ दर्जन से ज्यादा हिरनों की मौत से लोगों में भी खलबली मची रही।
बिरला गेस्ट हाउस के भीतर एक बाड़े में हिरनों को रखा गया था। गेस्ट हाउस के कर्मचारियों ने मंगलवार की सुबह वन दरोगा इंद्रकांत को हिरनों के मारे जाने की जानकारी दी थी। वन दरोगा की सूचना पर मैं भी वहां पहुंचा। देखा तो बाड़े के भीतर हिरनों का झुंड खून से लथपथ मरा पड़ा था। इनमें से सात हिरनों को कुत्तों ने बुरी तरह नोच भी दिया था। पशु चिकित्सकों की टीम ने सभी हिरनों का पोस्टमार्टम किया है। - अशोक कुमार, वन क्षेत्राधिकारी, रेंज फूलपुर
चार पशु चिकित्सकों के पैनल ने किया पोस्टमार्टम
थाना क्षेत्र के छतनाग गांव स्थित एमपी बिरला गेस्ट हाउस के बाड़े में कुत्तों के झुंड के हमले में मारे गए 20 हिरन तथा एक चिंकारे का पोस्टमार्टम मंगलवार की दोपहर चार पशु चिकित्सकों के पैनल ने किया। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनिल कुमार की अगुवाई में झूंसी पशु अस्पताल के चिकित्सा प्रभारी डॉ. वैभव मिश्र, बहादुरपुर के प्रभारी डॉ. शशि भूषण तथा सहसों प्रभारी डॉ. अनिल यादव हिरनों का पोस्टमार्टम करने बिरला गेस्ट हाउस पहुंचे थे। पशु चिकित्सकों के मुताबिक हिरनों का पोस्टमार्टम तकरीबन दो घंटे तक चला। चिकित्सकों के मुताबिक कुत्तों ने हमले के बाद कई हिरनों के मांस को भी आधे से ज्यादा खा लिया था।
रातभर कुत्तों का झुंड हिरनों को नोचता रहा और कर्मचारियों को खबर तक नहीं लगी
थाना क्षेत्र के छतनाग गांव स्थित बिरला गेस्ट हाउस के हिरन के बाड़े में रातभर आवारा कुत्तों का झुंड उन्हें नोचता रहा और वहां पर तैनात कर्मचारियों को भनक तक नहीं लगी। गेस्ट हाउस के भीतर तकरीबन आधे बिस्वे भू भाग पर हिरनों को रखने के लिए बाड़ा बनाया गया है। बाड़े में 20 हिरन और एक चिंकारा रखा गया था। सोमवार की देर रात को कुुत्तों के हमले में सभी हिरन और एकलौता चिंकारा मारा गया।
आश्चर्य को इस बात पर है कुत्तों का झुंड रातभर हिरनों को नोचता रहा और कर्मचरियों को इसकी भनक तक नहीं लगी। सूत्रों के मुताबिक हिरनों के बाड़े से महज 20 मीटर की दूरी पर ही कर्मचारियों का आवास है। इस मामले में गेस्ट हाउस के कर्मचारियों से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन वे कुछ भी बोलने को तैयार नहीं थे। गेस्ट हाउस के गेट के भीतर से ही गार्ड ने कहा कि उसे कुछ भी नहीं पता है।
झूंसी पुलिस को भी नहीं दी गई घटना की जानकारी
वन्य जीव अधिनियिम के तहत पाले गए हिरनों की मौत की खबर इलाकाई पुलिस को भी देना जरूरी माना जाता है। लेकिन बिरला गेस्ट हाउस के कर्मचारियों ने झूंसी पुलिस को इसकी जानकारी देना उचित नहीं समझा। इस बाबत इंस्पेक्टर झूंसी वैभव सिंह ने बताया कि उन्हें भी आज ही जानकारी मिली है। मंगलवार को गेस्ट हाउस के कर्मचारियों ने वन विभाग को सूचना दी थी।