प्रयागराज (राजेश सिंह)। यमुनापार मे छुट्टा पशुओं से फसलों की सुरक्षा किसानों के लिए एक बड़ी चुनौती बनती जा रही है। छुट्टा गोवंश व पशुओं से सुरक्षा के लिए किसानों को कड़ाके की ठंड मे रात-रात भर जागकर खेतों की पहरेदारी करनी पड़ रही है। यह उनके लिए जोखिम भरा साबित हो रहा है। ऐसे में फसलों की सुरक्षा का एक मात्र उपाय तारबंदी है, लेकिन इसमें अधिक खर्च आने के चलते सभी किसान अपने खेतों पर तार फेंसिंग नहीं करा सकते हैं। फेंसिंग के बावजूद छुट्टा गोवंश व जंगली पशु फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं। यमुनापार के मेजा, करछना, कोरांव, लालापुर, शंकरगढ़ सहित कई इलाकों में आवारा मवेशियों से परेशान किसान रातभर जागकर खेतों में फसलों की रखवाली कर रहे हैं।
करछना के मडवा (बीरपुर) गांव निवासी प्रसिद्ध नारायण यादव, रामअधार, करछना के धरवारा गांव निवासी किसान बद्री प्रसाद सिंह, मेजा के लोटाढ गांव निवासी किसान रमेश सिंह, सोनू सिंह, केदार कुशवाहा, रायसाहब, मेजा खौर गांव निवासी किसान अनिल सिंह, जयराम यादव, प्रेमशंकर, मेजा के विजौरा गांव निवासी किसान नीरज मिश्रा, लोहारी उपरहार के ब्रिजेश कुमार, नरवर चौकठा गांव के किसान सुनील सिंह, मनोज सिंह, कोरांव के पसना गांव निवासी किसान सूर्यनाथ सिंह, कोरांव के बसहरा गांव निवासी किसान गुलाब सिंह सहित यमुनापार के दर्जनों किसानों का कहना है कि छुट्टा गोवंश किसान के लिए आफत बन गए हैं। किसानों का कहना है कि दिनभर खेत पर काम करने के बाद रात में जागकर फसलों की रखवाली करनी पड़ रही है। उन्होंने प्रशासन से बेसहारा पशुओं की व्यवस्था कराने की मांग की है।