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अपहरण का खुलासा, जुए में लाखों रुपये हारने के बाद रची थी साजिश

SV News

प्रयागराज (राजेश सिंह)। आरोपी सर्वेश सिंह पटेल ने ऑनलाइन जुए में 37 लाख रुपये हारने के बाद दोस्त के अपहरण की साजिश रची थी। उसने पुलिस की पूछताछ में यह बात बताई। घटना में उसने अपनी ही कार प्रयुक्त की जिसे पुलिस ने बरामद कर लिया है। वह भुक्तभोगी छात्र के मोहल्ले में ही रामचंद मिशन रोड, मुंडेरा में रहता है और पिछले चार सालों से उसका दोस्त था। पुलिस के मुताबिक, पूछताछ में उसने बताया कि वह ऑनलाइन गेमिंग साइट के जरिए जुआ खेलता था। इसमें करीब 37 लाख रुपये हार चुका था। 
आर्मी से रिटायर पिता से लिए गए पैसों के साथ ही उसने कई लोगों से उधार भी ले रखा था। जो उस पर रकम वापसी का दबाव बना रहे थे। रुपयों का कोई इंतजाम न होते देख ही उसने वासु के अपहरण की साजिश रची। वासु के पिता कुसुम वाटिका के नाम से मैरिज हॉल चलाते हैं, ऐसे में उसका मानना था कि रकम आसानी से मिल जाएगी। इसके बाद उसने धूमनगंज निवासी ही अपने दो दोस्तों सर्वीर व अभि के साथ मिलकर अपहरण की साजिश रची। 
भुक्तभोगी वासु ने बताया कि मंगलवार रात करीब 10 बजे सर्वेश ने फोन कर उसे कार पार्क करने के बहाने मैरिज हॉल के पीछे वाले गेट पर बुलाया। वहां कार में उसके दो दोस्त भी थे। कार में बैठाकर तीनों ने उसे बीयर पिलाई और फिर नशीला इंजेक्शन लगाकर बेसुध कर दिया। फिर पीछे से रस्सी से गला कस दिया और मुंह में टेप चिपकाकर हाथ भी बांध दिए। इसके बाद बार से उसे लेकर चल दिए। 
एसीपी धूमनगंज नरसिंह नारायण सिंह के मुताबिक, पूछताछ में सर्वेश ने बताया कि अगवा वासु को लेकर वह और उसके साथी जनपद से बाहर जाना चाहते थे। इसके लिए वह पहले झूंसी पुल और फिर फाफामऊ की ओर गए लेकिन पुलिस चेकिंग देखकर लौट आए। इसके बाद उसे राजरूपपुर स्थित फ्लैट में ले जाकर बंधक बना लिया। इसी दौरान वासु के ही फोन से उसके पिता को कॉल कर रंगदारी भी मांगी थी। 
डीसीपी क्राइम सतीशचंद ने बताया कि पूछताछ में सर्वेश ने कहा कि जिस फ्लैट में उसने वासु को बंधक बनाकर रखा, उसे उसने सुल्तानपुर भावा करेली के शफीकुर्रहमान से किराये पर लिया था। आर्मी से रिटायर पिता वीरेंद्र सिंह को उसने बताया था कि फ्लैट उसने ऑनलाइन ट्रेडिंग के बिजनेस के लिए लिया है। इसी बहाने वह उनसे भी रुपये ऐंठता रहा। आरोपी कौशाम्बी डिग्री कॉलेज में बीएससी तृतीय वर्ष का छात्र है। 
उधर छात्र को मुक्त कराए जाने के घंटों बाद भी परिजन खौफजदा दिखे। उसके पिता भीम सिंह पटेल, बहन वंदना व मां भी पुलिस लाइन पहुंचे थे। पिता ने बताया कि उसके दो बेटों में से बड़े बेटे की हादसे में मौत हो चुकी है। परिजन पुलिस का आभार जताते नहीं थक रहे थे। उनका कहना था कि पुलिस की वजह से ही उन्हें अपना बेटा दोबारा मिल सका है। 
पुलिस का कहना है कि इस बात की भी आशंका थी कि रुपये मिलने या न मिलने की दशा में आरोपी छात्र की हत्या भी कर सकते थे। दरअसल फिरौती की कॉल किए जाने के दौरान आवाज से पिता ने सर्वेश को पहचान लिया था। इसके बाद परिजनों ने उसके घरवालों को भी इस बात की जानकारी दी थी। मां के फोन करने पर सर्वेश ने जरूरी काम से बाहर होने की बात बताई थी। पुलिस अफसरों ने बताया कि इसके चलते वह रात से ही संदेह के घेरे में आ गया था।

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