Ads Area

Aaradhya beauty parlour Publish Your Ad Here Shambhavi Mobile

यमुनापार : वकील ने खुद कराई थी अपनी हत्या, सहयोगी से बोला था मै जिंदा होकर हरिद्वार मे मिलूंगा

SV News

प्रयागराज (राजेश सिंह)। प्रयागराज के करछना में 10 दिसंबर को हुई वकील आशीष दीक्षित की हत्या का पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। हत्यारोपी के हवाले से दावा किया गया है कि तंत्र-मंत्र के चक्कर में आशीष दीक्षित ने खुद अपनी हत्या करवाई थी। उसने अपने सहयोगी से कहा था, ''मुझे मार दो मैं जिंदा हो जाऊंगा और तुमसे हरिद्वार में मिलूंगा।'' अंध विश्वास की इस कहानी के प्रमुख सूत्रधार हरिद्वार के रहने वाले नीतीश सैनी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। हत्या में इस्तेमाल चापड़ को बरामद कर लिया गया था। 
नैनी के नंदन तालाब निवासी आशीष दीक्षित की सिर कटी लाश 10 दिसंबर को प्रयागराज-मिर्जापुर हाईवे पर मर्दापुर गांव के पास तालाब के किनारे झाड़ियों में मिली थी। वह 9 दिसंबर को अपने सहयोगी नीतीश सैनी निवासी निरंजनपुर हरिद्वार के साथ घर से गए थे।

जानें कहानी, क्या था मामला

पुलिस को नीतीश ने बताया, "मुझसे आशीष ने कहा था कि मुझे दैवीय सिद्धियां प्राप्त हैं। अगर तुम मुझे मार दोगे तो मैं फिर से जिंदा हो जाऊंगा। बस मेरा गला काटकर महा शक्तियों के साथ छोड़ देना। जिसके बाद मैं पुनर्जीवित होकर वापस उससे आकर मिलूंगा। उसने यह भी कहा था कि मेरा गला काटने के बाद सभी वस्तुओं को गंगा जी में प्रभावित करके वह हरिद्वार चला जाए। मैं वहीं आकर उसको मिलूंगा।" 
नीतीश सैनी के मुताबिक, हत्या का समय और जगह आशीष दीक्षित ने खुद डिसाइड की थी।उसने कैसे गले में चापड़ से गला काटना है, इसका पूरा तरीका बताया था। उसने कहा था कि हत्या के बाद 2 घंटे तक मैं जिंदा न हो पाऊं तो भी घबराना मत। इसके बाद मैंने उसकी हत्या कर दी। उसके बाद उसी के खून से माथे पर तिलक लगाकर मंत्रोच्चारण किया। जब उसके शरीर में कोई हलचल नहीं हुई तो शव वहीं छोड़कर पूजन सामग्री को अरैल घाट में गंगा नदी में प्रवाहित करके हरिद्वार के लिए रवाना हो गया।
पुलिस उपायुक्त यमुनानगर सौरभ दीक्षित ने बताया कि मोबाइल सर्विलांस और एसओजी टीम के अथक प्रयास के बाद पुलिस ने नीतीश को हरिद्वार से गिरफ्तार कर प्रयागराज लेकर आई। पूछताछ के बाद नीतीश सैनी ने बताया कि वह लगभग 5 महीने पूर्व आशीष दीक्षित के साथ हर की पौड़ी हरिद्वार में परिचय हुआ था। आशीष दीक्षित के अंध विश्वास की जाल में फंसकर उसने अपनी नौकरी एवं परिवार को छोड़ दिया था। इसके बाद नीतीश आशीष के साथ हरिद्वार से चलकर वाराणसी, कानपुर, लखनऊ, आगरा होते हुए प्रयागराज में आकर रुका था।
नीतीश के मुताबिक, 8 दिसंबर को दोनों प्रयागराज से विंध्यवासिनी मां का दर्शन करने मिर्जापुर गए थे। वापसी के दौरान आशीष ने कहा था कि मुझे सिद्धि प्राप्त हो चुकी है और अब मुझे तुम मार भी दोगे तो मैं पुनः जीवित होकर देवी शक्तियां प्राप्त कर तुम्हारे जीवन के सारे कष्टों को दूर कर दूंगा। इस बाबत उसने महाभारत में वर्णित बर्बरीक की कहानी को भी यूट्यूब में दिखाया था। जिसके बाद नीतीश उसके मायाजाल में फंस गया था।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Top Post Ad