मिर्जापुर (राजेश सिंह)। नव वर्ष के पहले दिन रविवार को मां विंध्यवासिनी धाम दर्शनार्थियों से पटा रहा। पांच लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने मां विंध्यवासिनी के दर्शन किए। यह एक रिकॉर्ड है। मंगला आरती से पहले ही गर्भगृह की ओर जाने वाले मार्ग श्रद्धालुओं से भरे रहे। विभिन्न प्रकार के फूलों और रत्न जड़ित आभूषणों से श्रृंगार के बाद मां के भव्य स्वरूप की झलक पाने के लिए श्रद्धालु उत्साहित दिखे।
भोर से ही विंध्य धाम के विभिन्न गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। गंगा स्नान के बाद मंदिर से जुड़े विभिन्न गलियों के रास्ते में भक्त हाथों में नारियल, चुनरी, माला, फूल व प्रसाद लिए कतार में लगे रहे। माता के जयकारे से धाम की समस्त गलियां गूंजती रहीं।
किसी ने गर्भगृह तो किसी ने झांकी से ही मां विंध्यवासिनी के दिव्य स्वरूप के दर्शन किए। मंदिर की छत पर भी साधक ध्यान में लगे रहे। श्रद्धालुओं ने मंदिर में विराजमान अन्य देवी-देवताओं कि दर्शन किए। कुंड तक पहुंचकर हवन व अनुष्ठान किया। दर्शन व पूजन का सिलसिला देर रात तक चलता रहा।
नव वर्ष पर रविवार को त्रिकोण मार्ग भी भक्तों से गुलजार रहा। मां विंध्यवासिनी के दर्शन बाद अधिकांश भक्तों ने माता काली और अष्टभुजा देवी के भी दर्शन किए। कोई पैदल तो कई ने वाहनों से काली खोह स्थित मंदिर पहुंचकर माता काली के दर्शन किए।
नव वर्ष पर लोगों ने देवी-देवताओं के दर्शन-पूजन के साथ ही पर्यटन स्थलों पर पहुंचकर आनंद लिया। गंगा तट पर स्थित चुनार के ऐतिहासिक किला में आसपास के इलाकों के अलावा प्रयागराज, वाराणसी, सोनभद्र, चंदौली, संत रविदास नगर, गाजीपुर, जौनपुर आदि स्थानों से काफी संख्या में पर्यटक पहुंचे।
चुनार किला में पर्यटकों ने रानी सोनवा का मंडप, विशाल योगी बाबा भतृहरि नाथ की समाधि, विशालकाय बाउली आदि का जायजा लिया। इस दौरान पर्यटक भगवान विष्णु के पद चिन्हों की आकृति वाले दुर्ग की कारीगरी व सोनवा मंडप की नक्काशी की सराहना करते नजर आए।
राजगढ़ मार्ग पर स्थित दुर्गा मंदिर, टेकौर स्थित मां काली मंदिर सहित अन्य मंदिरों में भी लोगों ने पहुंचकर दर्शन-पूजन किया। नव वर्ष पर जरगो जलाशय क्षेत्र में भी सैलानियों की भीड़ लगी रही। परिवार के साथ वाराणसी, चंदौली, भदोही व सोनभद्र आदि जिलों के सैलानियों ने बाटी-चोखा का आनंद उठाया।