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प्रयागराज: 'लड़कियां बनीं डॉन', बालिका गृह में आने वाली नई लड़कियों को पीटा



SV News
सांकेतिक फोटो - सूरज वार्ता 

प्रयागराज (राजेश सिंह)। प्रयागराज के बालिका गृह में आवासित लड़कियों ने गुट बना लिया है। यहां पहले से रह रहीं लड़कियां नई लड़कियों की पिटाई करती हैं। पिछले दिनों एक लड़की को इतना पीटा गया कि पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। बाद में पुरानी लड़कियों ने आरोप लगाया कि पुरुष पुलिस वालों ने उन्हें पीटा। इसकी शिकायत गुरुवार को उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉ. देवेंद्र शर्मा व सदस्य श्याम त्रिपाठी से लड़कियों ने की। सदस्य ने मौके पर एसपी क्राइम व सीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष की जांच कमेटी गठित कर दी। साथ ही डीपीओ पंकज मिश्र को सहयोग करने के लिए निर्देश दिए।
अध्यक्ष गुरुवार को प्रयागराज आए थे। उन्होंने संप्रेक्षण गृहों का निरीक्षण किया। इसी दौरान बालिकाओं ने उनके सामने समस्या रखी। निरीक्षण के बाद उन्होंने सर्किट हाउस में पत्रकारों से बात की। पत्रकार वार्ता में बताया कि संप्रेक्षण गृह में 30 फीसदी बच्चे ऐसे हैं जिनके ऊपर बलात्कार के मुकदमें दर्ज हैं। अब जरूरी हो गया है कि इसके लिए काउंसिलिंग सेल बनाई जाए। ऐसा लगता है कि लोग अनावश्यक आठ और 10 साल के बच्चों को इन मुकदमों में फंसा रहे हैं। नई पीढ़ी को नशा मुक्त बनाने के लिए सभी स्कूलों में प्रहरी ग्रुप बनाने के लिए निर्देश दिए हैं। इसमें क्लास के आठ-10 बच्चे और क्लास टीचर का समूह रहेगा। यही समूह निगरानी करेगा।
संप्रेक्षण गृह में क्षमता से अधिक बच्चे आवासित हैं। 50 की क्षमता पर 90 लड़कियां और इसी क्षमता पर 293 बच्चे रह रहे हैं। अध्यक्ष ने सुझाव दिया कि जो ग्राम पंचायतें नगर निगम सीमा में आई हैं, वहां के पंचायत भवनों को शेल्टर होम बनाया जाए। साथ ही नए शेल्टर होम बनाने के लिए भी सरकार से बात कर रहे हैं।

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