'मोदी अगली बार प्रधानमंत्री बनेंगे या नहीं, ये मैं उनके कान में बताऊंगा..'
जगदलपुर, छत्तीसगढ़। शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने जगदलपुर में पत्रकारों से चर्चा की।
छत्तीसगढ़ के जगदलपुर पहुंचे शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डगमगा रहे हैं। वे अगली बार प्रधानमंत्री बनेंगे या नहीं, जब मेरे पास आएंगे तो ये मैं उन्हें उनके कान में बताऊंगा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ में शासन करने की क्षमता है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को लेकर कहा कि, उनके पास अभी ज्ञान की कमी है।
स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने जगदलपुर के लालबाग मैदान में धर्मसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने मीडिया से भी बातचीत की। शंकराचार्य ने कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिंदुत्व के पक्षधर नहीं हैं। जिस दिन वे गौ-रक्षकों को गुंडा कहना छोड़ देंगे, मैं उस दिन उन्हें हिंदुओं का पक्षधर मानूंगा। वे कूटनीति में विश्व विख्यात हैं, हालांकि, उन्हें खुद में खुद का निरीक्षण करना चाहिए।
उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को लेकर कहा कि, योगी आदित्यनाथ मेरे लाड़ले-प्यारे हैं। उनमें अनुशासन है। उनमें बहुत गुण हैं। उनमें राजनीति और शासन करने की क्षमता है। जब वे मुख्यमंत्री नहीं थे, तो उस समय मैं जब गोरखपुर जाता था, तब मुझसे मिलने आते थे। मेरे साथ-साथ रहते थे। इसके अलावा उन्होंने आसाम के मुख्यमंत्री की भी तारीफ की। स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि, ये दोनों मुख्यमंत्री खाऊ किस्म के नहीं हैं। इनमें खाऊ की प्रवृत्ति नहीं होने के कारण सर्वगुण सम्पन्न हैं। न तो हिंदू पर अन्याय करते हैं और न ही करने देते हैं।
निश्चलानंद सरस्वती से जब पूछा गया कि बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र शास्त्री भविष्यवाणी बताते हैं। ये कोई चमत्कार है, या फिर उनका कोई मैजिकल ट्रिक है? इसे आप किस नजरिए से देखते हैं? इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि, जो भी हो। धीरेंद्र शास्त्री किसी न किसी तरह से हिंदुत्व को बचा रहे हैं। इस बारे यदि जानना हो तो उनके पास जा कर देख लीजिए।
स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा है कि, नक्सली राजनीतिक पार्टियों के ही पाले हुए हैं। सत्तारूढ़ पार्टी और विपक्ष दोनों नक्सलवाद से अपना हाथ खींच लें, मैं नक्सलवाद खत्म कर दूंगा।
निश्चलानंद सरस्वती ने जगदलपुर के लालबाग मैदान में धर्मसभा को संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि, सिख कहते हैं हमारे पास भी ग्रंथ हैं। जिसमें कहीं न कहीं राम जी का नाम भी है। कोई बाइबिल को मानने वाला है तो कोई कुरान को मानता है। किसी न किसी के पास मानने के लिए कुछ न कुछ है। लेकिन, आरएसएस के पास कोई ग्रंथ ही नहीं है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के पास ज्ञान-विज्ञान का ज्ञान नहीं है। इसलिए वे कुछ भी बोल देते हैं।