मेजा, प्रयागराज (विमल पाण्डेय)। भइयां गांव स्थित श्री कृष्ण प्रणामी मंदिर जहां पर कृष्ण -राधा की भक्ति में सराबोर होकर होलिका दहन के दूसरे दिन धूमधाम से मनाया गया। ग्रामीणों की मान्यता के अनुसार परमहंस महराज श्री-श्री 108श्री गोपाल मणी महाराज द्वारा बनाई गई परम्परा जो कि अठारहवीं सदी से आज तक यथावत चल रही है। जिसमें समस्त सुन्दर साथ (जो भी लोग मंदिर में दीक्षित हैं उन्हें सुंदर साथ नाम से जाना जाता है)अगल-बगल के गांव से एकत्रित होकर राधा-कृष्ण के नाम पर निर्मित फागु-भजन को गाते हुए मंदिर की परिक्रमा करते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि जब तक मंदिर का रंग ग्रामीणों के ऊपर नहीं पड़ता तब तक कोई भी सुन्दर -साथ अपने घरों में रंग नहीं खेलता। मंदिर के महंत ब्रह्मानंद महराज ने बताया कि कोई भी सनातनी त्योहार आपस में एकता व भाईचारा बनाए रखने हेतु होते हैं जिसका जीवन्त उदाहरण श्री कृष्ण प्रणामी मंदिर में मनाया जाने वाला फागु-उत्सव है, जहां पर समस्त ग्रामीण एकत्रित होकर भजन-गायन करते हुए बृहद भण्डारा में प्रसाद ग्रहण करते हैं। पांच हजार के ऊपर की जनसंख्या वाले गांव में विभिन्न जातियों के ग्रामीण निवास करते हैं, जहां पर सभी लोगों में आपसी भाईचारा है। सभी त्यौहार आपस में मिलजुल कर मनाते हैं। तहसील मुख्यालय से 10किमी.दक्षिणांचल में स्थित यह मंदिर भक्ति -मार्गी शाखा का प्रमुख केन्द्र है जहां पर देशभर से भक्तगण आते हैं। मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारी राजेश्वरी प्रसाद मिश्र ने बताया कि मंदिर में देसी गाय भी हैं जहां पर गौसेवा निष्ठा व भक्ति के साथ की जाती है। होली त्योहार पर भी भगवान को रंग अर्पित करने के बाद गोवंशो पर महराज द्वारा रंग डाला जाता है फिर भक्तगणों को सराबोर करते हुए गांव की परिक्रमा की जाती है। उक्त अवसर पर महंत ब्रह्मानंद के नेतृत्व में आद्या प्रसाद, तौलन प्रसाद, गोविन्द प्रसाद मिश्र, जंगली मिश्र, राजेश्वर प्रसाद तिवारी, महेन्द्र प्रसाद, कमलेश्वर, रोशन लाल, अनूप कुमार, राजेश कुमार, विजय तिवारी सहित सैकड़ों ग्रामीणों कार्यक्रम में सहभागी रहे।