प्रयागराज (राजेश सिंह)। प्रयागराज के सुलेम सराय में 24 फरवरी को दिनदहाड़े गोलियों व बम से मारकर राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह रहे उमेश पाल व दो सरकारी गनर की हत्या कर दी गई थी। वहीं आज एक माह बीत गया। पुलिस के पास कहने के लिए तो दो एनकाउंटर और कई गिरफ्तारियां हैं लेकिन सच्चाई तो यह है कि हत्याकांड को अंजाम देने वाले अतीक अहमद के बेटे असद समेत पांच लाख रुपए के इनामी प्रमुख शूटर अब तक फरार हैं। पुलिस और एसटीएफ अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन को भी पकड़ने में नाकाम रही। पुलिस और एसटीएफ के अधिकारी दावा तो करते हैं कि असद के साथ ही बमबाज, गुड्डू मुस्लिम, गुलाम, साबिर, अरमान और शाइस्ता परवीन को पकड़ने के लिए यूपी से लेकर बिहार और दिल्ली से लेकर राजस्थान तक छापेमारी की गई है।
नेपाल में भी असद के शरण लेने की आशंका पर एक प्रमुख कारोबारी को उठाया गया लेकिन तमाम धरपकड़ के बावजूद नतीजा तो शून्य ही है। 24 फरवरी को हत्या के तीसरे रोज पुलिस ने शूटरों के कार ड्राइवर अरबाज को नेहरू पार्क के जंगल में मुठभेड़ में मार गिराया था। फिर उमेश पाल पर सबसे पहले गोली बरसाने वाले एक शूटर विजय चौधरी उर्फ उस्मान का भी एनकाउंटर हो गया।
साजिश रचने के आरोपित सदाकत को सबसे पहले पकड़ लिया गया था। तीन दिन पहले धूमनगंज थाने की पुलिस और एसओजी ने उमेश हत्याकांड में मददगार रहे अतीक अहमद के दो घरेलू नौकरों समेत 5 लोगों को पकड़ा था। उनकी निशानदेही पर चकिया में अतीक अहमद के तोड़े जा चुके कार्यालय के पिछले हिस्से से 10 अवैध हथियार और 74 लाख रुपए से ज्यादा नकद बरामद किए गए थे।
बताया गया है कि बरामद हथियारों से ही उमेश पाल और दोनों गनर पर गोलियां बरसाई गई थी। इन सभी से पूछताछ में अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन की भी हत्याकांड की साजिश रचने में प्रमुख भूमिका उभर कर सामने आई लेकिन उसे भी पकड़ने में पुलिस अब तक असफल है।