प्रयागराज (राजेश सिंह)। बृहस्पतिवार रात 10 बजे नैनी जेल से अतीक और अशरफ को कस्टडी में लेकर निकली धूमनगंज पुलिस ने पूछताछ शुरू कर दी है। पुलिस यहां करीब आठ बजे प्रिजन वैन के साथ पहुंची थी। दो घंटे की कागजी कार्रवाई चली। अतीक व अशरफ की अलग-अलग बैरक होने के कारण उन्हें गेट तक पहुंचने में 20 मिनट से अधिक का समय लगा। पहले अशरफ को बैरक से निकालकर वैन में बैठाया गया, फिर अतीक को। कुछ देर के लिए मैदान में वैन खड़ी रही। कहां ले जाना है, इसकी सूचना देने के साथ पुलिस इन्हें लेकर चली गई। इस दौरान एसीपी करछना की अगुवाई में कई थानों की पुलिस तैनात रही।
उमेश पाल हत्याकांड की साजिश का पर्दाफाश करने के लिए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दिनेश गौतम की अदालत ने माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को चार दिनों की पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर कर ली है। दोनों से करीब दो सौ सवाल पूछे जाएंगे। पुलिस ने इसकी सूची पहले ही तैयार कर ली है। पूछताछ के दौरान अदालत ने दोनों को वकील रखने की छूट दे दी है।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत केस डायरी, अन्य कागजातों का अवलोकन करने के बाद अतीक अहमद और अशरफ को 26 अप्रैल तक न्यायिक अभिरक्षा में लेने की स्वीकृति दी। इस बीच, अतीक और अशरफ को नैनी जेल भेज दिया गया। इस प्रक्रिया के बाद उमेश पाल हत्याकांड की जांच कर रहे विवेचक ने दोनों अभियुक्तों की 14 दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड मांगी। अदालत ने दोनों पक्ष को सुनने के बाद 13 अप्रैल की शाम छह बजे से 17 अप्रैल की दोपहर दो बजे तक की पुलिस रिमांड मंजूर कर ली।
बृहस्पतिवार दोपहर डेढ़ बजे असद के एनकाउंटर की सूचना नैनी जेल में पहुंची। उस वक्त जेल हाता में बंदियों की मुलाकात चल रही थी। खबर फैलते ही जेल का माहौल गंभीर हो गया। जेल प्रशासन भी अलर्ट हो गया। जेल में अतीक समर्थक व गैंग के बड़ी संख्या में लोग बंद हैं। डर था कि कहीं एनकाउंटर को लेकर अतीक समर्थक और इस कार्रवाई से खुश बंदियों के बीच भिड़ंत न हो जाए। लिहाजा, मुलाकात समाप्त होते ही सभी बंदियों को उनके सर्किल में भेज दिया गया। जेल प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने के साथ-साथ परिसर में लंबरदारों व बंदी रक्षकों की गश्त भी शुरू करा दी।