प्रयागराज (राजेश सिंह)। आईपीएल-2023 में उपविजेता टीम के सदस्य रहे यश दयाल मंगलवार को अपने शहर प्रयागराज पहुंचे। करीब दो महीने के बाद घर लौटे बेटे को देखकर पिता चंद्रपाल दयाल, मां राधा दयाल और बहन सूची दयाल बेहद खुश रहे। एयरपोर्ट पर उनका जोरदार स्वागत किया। घर पहुंचने के बाद यश ने जहां परिवार के साथ वक्त गुजारा तो वहीं शाम के समय वह अपने दोस्तों के साथ शहर के भ्रमण पर भी निकले। इसी बीच उन्होंने पत्रकार के साथ खास बातचीत कर उन्होंने आईपीएल-2023 और अपनी आगे की तैयारियों को लेकर भी खास बातचीत की है।
पेश है उनसे किए गए बातचीत के कुछ अंश -
फाइनल मुकाबला इतना कांटे का हुआ, दर्शकों की सांसें तो थमी थी लेकिन डगआउट का क्या माहोल था?
बहुत अच्छा माहोल था, टीम दूसरी बार लगातार फाइनल खेल रही थी। सबकी बस चैंपियन बनने की ख्वाहिश थी। हमने अच्छे स्कोर किए लेकिन बारिश के बाद नजारा बदल गया। हालांकि टीम के उपविजेता बनने से भी लोग खुश थे। इतनी बड़ी स्पर्धा में फाइनल खेलना भी शानदार था।
उपविजेता टीम का सदस्य होना कैसा अनुभव है?
ये बहुत बड़ी बात है। पिछली बार विजेता और इस बार उपविजेता बनना शानदार अनुभव है। जीत हार तो खिलाड़ियों के जीवन में लगा रहता है, लेकिन एक अच्छी टीम हर मैच को जीतना चाहती है। हम यहां तक पहुंचे ये भी एक बहुत बड़ी कामयाबी है।
क्या तैयारी थी और इस बार के संस्करण से क्या सीख मिली?
हमने बहुत अच्छी तैयारी की थी। आईपीएल के शुरू होने से पहले ही कैंप किया, मो. शमी, मोहित शर्मा, हार्दिक पंड्या, राशिद खान जैसे गेंदबाजों से काफी कुछ सीखा है। यह सभी प्रतियोगिता के टॉप गेंदबाज रहे हैं।
कोलकाता के खिलाफ आखिरी ओवर में खराब प्रदर्शन के बाद किसने मोटीवेट किया, कमबैक किया तो कितनी खुशी हुई?
मैच में हर दिन एक जैसा नहीं होता है। सभी उच्च स्तरीय गेंदबाजों का भी कभी न कभी खराब दिन आया है। उस प्रदर्शन को भी मैंने सामान्य रूप से लिया। मां-बाप और बहन से बात की। दोस्त रिश्तेदारों के मैसेज देखे और टीम के कप्तान व टीम मैनेजमेंट ने काफी मोटीवेट किया। इसके बाद मैंने पूरी नई उर्जा के साथ अगले मैचों में गेंदबाजी की, जिसकी सराहना टीम के प्रत्येक सदस्य ने की। अच्छा और बुरा प्रदर्शन खिलाड़ियों के जीवन का हिस्सा है।
आगे की क्या तैयारी है और किन चीजों पर ध्यान होगा?
घरेलू क्रिकेट का सीजन आ रहा है। पूरा ध्यान उन्हीं चीजों पर है। रणजी ट्रॉफी और मुश्ताक अली जैसे बड़े टूर्नामेंट आ रहे हैं। इनमें अपना बेहतर प्रदर्शन करना है। अपनी गेंदबाजी को और धारदार बनाने के अभ्यास पर जुटे रहना है।
आईपीएल में गेंदबाजों के लिए क्या चुनौती रहती है?
टी-20 को अकसर बल्लेबाजों का खेल कहा जाता है लेकिन ऐसा नहीं है। इस बार के ही आईपीएल पर नजर डालें तो हमारी टीम के मो. शमी, राशिद खान, नूर अहमद जैसे गेंदबाज टॉप पर रहे हैं। कई अन्य फ्रेंचाइजी के गेंदबाजों ने भी अपनी गहरी छाप छोड़ी है। हां ये सच है कि बल्लेबाजों को क्रेडिट ज्यादा मिलती है। गेंदबाज पांच विकेट ले ले और बल्लेबाज अर्धशतक मार दे, तो बल्लेबाज की चर्चा ज्यादा होती है। यह पुरानी परंपरा है, इसमें कुछ भी नया नहीं है।
तेज गेंदबाजों को चोट कितना परेशान करती है?
खिलाड़ियों को चोट लगना आम बात है। बांग्लादेश दौरे पर चोट लगी जिससे भारतीय टीम से बाहर हुआ, लेकिन फिर कैंप करके वापसी भी की। आईपीएल के दौरान मैं पूरी तरह से फिट रहा।
बड़े मैच में आख़िरी के ओवर डालना कितना चुनौतीपूर्ण होती है, मन में क्या होता है?
यह काफी बड़ा चैलेंज होता है। यहां हर गलती का बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ता है। गेंदबाज अपना बेस्ट देता है, लेकिन कई चीजें उसके पक्ष में नहीं होती है। फाइनल मैच में मोहित शर्मा ने शानदार गेंदबाजी की, लेकिन फिर भी नतीजा पक्ष में नहीं रहा। ऐसा क्रिकेट में बहुत बार होता है, यह मायने नहीं रखता है बल्कि इससे अनुभव मिलता है।
घर आने के बाद कैसा लग रहा है?
शानदार, दो महीने के बाद घर आया हूं, मां ने पसंद का खाना बनाया और पूरे परिवार के साथ पेट भरकर खाना खाया। घर आते ही पूरी थकान पल भर में गायब हो गई है।