प्रयागराज (राजेश सिंह)। जिला न्यायालय ने फर्जी संस्थाएं खड़ी कर करोड़ों रुपये के गबन के मामले में पूर्व एमएलसी सीवी इनिश के खिलाफ जांच का आदेश दिया है। न्यायालय ने कहा है कि विवेचक ने ऑडिट रिपोर्ट द्वारा बताई गई वित्तीय अनियमितताओं के मामले में ध्यान ही नहीं दिया गया और न ही उस पर जांच की गई। लिहाजा, पूर्व एमएलसी के खिलाफ नैनी थाने में दर्ज प्राथमिकी की विवेचना क्राइम ब्रांच फिर से करे। यह आदेश अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मुकेश यादव ने शिल्पी मिचेल इनिश की अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिया है। याची के अधिवक्ता सुनील पांडेय ने कहा कि सीवी इनिश सियासी पकड़ रखते हैं। उन्होंने अपने प्रभाव से विवेचना क्राइम ब्रांच में स्थानांतरित करा दिए। क्राइम ब्रांच ने अंतिम रिपोर्ट लगा दी। जबकि, पूर्व एमएलसी सीवी इनिश, उनकी पत्नी डोरिंडा इनिश और बेटी मिशेल ने मिलकर सोसाइटी में करोड़ों रुपये का गबन किया है।
वित्तीय अनियमितता की यह जांच रजिस्ट्रार फर्म सोसाइटी की निगरानी में चार्टर्ड एकाउंट्स से कराई गई। लेकिन, सीवी इनिश ने अपने प्रभाव से अंतिम रिपोर्ट लगवा ली। लिहाजा, इसकी फिर से जांच की जानी चाहिए। इस पर न्यायालय ने यह आदेश पारित किया। पूर्व एमएलसी सीवी इनिश की फर्जी संस्थाओं के जरिए करोड़ों रुपये की हेराफेरी की जांच में लीपापोती करने के मामले में सोसाइटी रजिस्ट्रार से लेकर पुलिस तक के अधिकारियों को कोर्ट ने कठघरे में खड़ा कर दिया है। ऑडिट जांच पूरी किए बिना सहायक रजिस्ट्रार की ओर से रिपोर्ट जारी कर दी गई। वहीं, विवेचक भी शिकायतकर्ता से मिला न घोटाले की जांच करने वाले ऑडिटर से और मनगढ़ंत बयान लिख कर अंतिम रिपोर्ट लगा दी। जिला न्यायालय ने आदेश दिया कि पूर्व एमएलसी के खिलाफ नैनी थाने में दर्ज प्राथमिकी की विवेचना क्राइम ब्रांच फिर से करे। सेंट जॉन्स एकेडमी की प्रिंसिपल रहीं शिल्पी मिचेल इनिश ने सोसाइटी फॉर द प्रमोशन ऑफ द एजुकेशनल एडवेंचर स्पोर्ट एंड कंजर्वेशन ऑफ एंवायरमेंट फैरीडेल स्टेट व्योहरा मिर्जापुर रोड करछना के अध्यक्ष पूर्व एमएलसी सीवी इनिश, सचिव मिशेल इनिश व कोषाध्यक्ष डोरिंडा इनिश के विरुद्ध औद्योगिक क्षेत्र थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। आरोप लगा कि संस्था की संपत्ति के प्रपत्रों में कूटरचना करके करोड़ों रुपये का गबन किया। पूर्व एमएलसी, शिल्पी मिचेल के श्वसुर भी हैं। उनके पति मिचेल इनिश भी संस्था के सचिव रहे, लेकिन अगस्त 2016 में हुए एक हादसे में उनकी मौत हो गई। यही संस्था करछना में करीब 52 बीघे में सीवी इनिश सेंट जांस एकेडमी भी चलाती है। इसकी 26 बीघे भूमि शिल्पी अपनी बताती हैं, जबकि 24 बीघे भूमि सीवी इनिश व उनकी पत्नी व बेटी का नाम है। पति की मौत के बाद शिल्पी को प्रिंसिपल पद से हटाकर वाइस प्रिंसिपल बनाते ही विवाद गहराया। शिकायत पर सोसाइटी रजिस्ट्रार ने सीए मनीष धर से जांच कराई।
सीए ने रिपोर्ट में लिखा है कि शिल्पी को हटाने के बाद भूमि का किराया 90 हजार मिलता था, जबकि सीवी इनिश अपनी भूमि के बदले स्कूल प्रबंधन से 14 लाख रुपये प्रति महीना किराया लेते रहे हैं। यही नहीं सीबी इनिश और उनकी पत्नी डोरिंडा डायरेक्टर के तौर पर ढाई-ढाई लाख रुपये प्रतिमाह वेतन और इतनी ही रकम कंसल्टेंसी बतौर लेते रहे। कोर्ट ने आदेश में कहा है कि आरोपियों ने मेसर्स प्रयागराज सल्यूशन और मेसर्स फेयरडील नाम से फर्जी व कागजी कंपनी खड़ी कर करोड़ों रुपये का लेनदेन किया है। विवेचक ने इन फर्मों के अस्तित्व के संबंध में कोई जांच नहीं की। फर्मों के वित्तीय लेनदेन से संबंधित अभिलेख भी नहीं देखे, न ही केस डायरी का अंश बनाया। कोर्ट ने कहा है कि विवेचना इस संबंध में भी मौन है कि फर्मों से वित्तीय व्यवहार क्या और किस तरह के हैं। ऑडिट रिपोर्ट में वित्तीय अनियमितताएं पाई गई थीं, लेकिन उन अभिलेखों का भी अवलोकन नहीं किया गया। सीवी इनिश और डोरिंडा इनिश की ओर से आहरित वेतन का अनुमोदन लिया जाता था कि नहीं, यह भी नहीं देखा गया।