प्रयागराज (राजेश सिंह)। प्रयागराज के पूरामुफ्ती में घर के भीतर सराफा दुकान सचांलिका कलावती देवी (48) की बेरहमी से हत्या कर दी गई। डंडों से पीट-पीटकर उसे मौत के घाट उतार दिया गया। शाम को पड़ोसी पीछे का दरवाजा खुला देख भीतर गए तो घटना की जानकारी हुई। बेटों ने फिलहाल किसी रंजिश की बात नहीं बताई है। पुलिस देर रात तक जांच पड़ताल में जुटी रही। कलावती के पति धर्मपाल का निधन हो चुका है। वह दो बेटों के साथ रहती थी जिनमें से बड़ा आशीष (25) जबकि छोटा बेटा मनीष (23) साल का है। वह घर में ही सराफा की दुकान संचालित करती थी। शनिवार को दोपहर में बड़ा बेटा दुकान का सामान लेने चौक जबकि छोटा बेटा कौशाम्बी के भरवारी गया था। कलावती शाम होते ही दुकान खोल देती थी लेकिन शाम को छह बजे तक वह बाहर नहीं निकली। मुख्य दरवाजा भीतर से बंद था। पड़ोसियों ने आवाज दी लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
इसी दौरान गांव का ही एक व्यक्ति खेत की ओर गया तो देखा कि कलावती के घर का पिछला दरवाजा खुला पड़ा था। जानकारी पर आसपास के लोग पहुंचे तो देखा कि वह खून से लथपथ पड़ी थी। उसके चेहरे व सिर पर डंडों से वार किया गया था। सूचना पर पुलिस पहुंच गई लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। सूचना पर दोनों बेटे भी आ गए और मां का शव देखकर बिलखने लगे। एसओ पूरामुफ्ती उपेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि बेटे किसी रंजिश के बाबत कुछ बता नहीं पा रहे हैं। शव को मर्चरी भेजवा दिया गया है। जांच पड़ताल की जा रही है। इस प्रकरण में पहले आशंका जताई गई कि हो सकता है कि लूटपाट की नीयत से घर में घुसे बदमाशों ने विरोध करने पर उसे मौत के घाट उतारा हो। हालांकि पुलिस ने जांच पड़ताल की तो सारा सामान सरक्षित मिला। दुकान में घुसने का भी प्रयास नहीं किया गया था। यहां तक कि मृतका ने जो गहने पहन रखे थे वह भी सुरक्षित थे। ऐसे में साफ हो गया कि बदमाशों की नीयत सिर्फ हत्या ही थी। पुलिस ने बताया कि जांच पड़ताल में यह बात सामने आई कि मृतका ने हाल ही में अपने बड़े बेटे आशीष की शादी की थी। हालांकि बहू इन दिनों मायके गई हुई है। पुलिस देर रात तक हत्या की वजह का पता लगाने में जुटी रही लेकिन कुछ पता नहीं चल सका था।