मेजा,प्रयागराज। (हरिश्चंद्र त्रिपाठी)
क्षेत्र के ग्राम पंचायत भइयां में श्री कृष्ण प्रणामी मंदिर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में उपस्थित ग्रामीणों को नशामुक्ति का संकल्प दिलाते हुए ब्यासपीठ पर बैठे स्वामी चेतनदास जी महाराज ने कहा कि यदि वास्तव में सुखमय जीवन जीना चाहते हैं तो जीवन को नशामुक्त करना होगा।आज समाज में फैली हुई ज्यादातर बुराइयों का आधार नशा है। आदतों में सुधार हेतु आवश्यक है कि प्रत्येक दिवस योग को अंगीकार करें। तभी परमहंस महाराज जी के स्मृति महोत्सव का उद्देश्य सार्थक होगा।उन्होंने कहा कि परमहंस गोपाल मणी जी महाराज परम योगी थे।
योगसाधक ही 302वर्ष धराधाम पर रह सकता है। वैश्विक स्तर पर अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए श्री कृष्ण प्रणामी मंदिर भइयां के महन्त ब्रह्मानंद महाराज द्बारा बताया गया कि जीवन को खुशहाल बनाने के लिए नियमित रूप से योग करना जरूरी है। छोटी -छोटी सावधानियां ब्यक्तित्व को निखारने में सहयोगी साबित होती हैं। वहीं लापरवाही से जीवन जोखिम भरा हो जाता है। इसलिए महापुरुषों के बताए हुए मार्ग का ही अनुसरण किया जाना चाहिए। स्वास्थ्य को संयमित रखने के लिए ही विश्व स्तर पर अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम सुनिश्चित किया गया है। यद्यपि ग्रामीणों की दिनचर्या बहुत सुन्दर तरीके से अग्रसर हो रही है जिसका जीवंत प्रमाण है कि सुबह 6बजे तक मंदिर में भगवान की आरती होती है। सैंकड़ों ग्रामीणों की उपस्थिति से भक्तिमय वातावरण दिखाई देता है। आरती -पूजन के बाद सुन्दर साथ गण पारायण पाठ करने में लग जाते हैं।पारायण पाठ पर प्रकाश डालते हुए श्री कृष्ण प्रणामी मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारी राजकुमार मिश्र ने बताया कि सुन्दर समाज की स्थापना हेतु सुन्दर आचार, सुन्दर विचार, सुन्दर संस्कार, सुन्दर सरोकार, को आत्मसात करने वाले ब्यक्ति सुन्दर साथ कहलाते हैं। ऐसे सुन्दर साथ ही पारायण पाठ करने के लिए योग्य होते हैं।
नियमित रूप से पारायण पाठ का भी सप्तदिवसीय आयोजन किया गया है।श्री निजानंद आश्रम गाजियाबाद के महंत स्वामी सुदीप जी महाराज ने परमहंस गोपाल मणी जी महराज की कर्मभूमि भइयां को नमन करते हुए उपस्थित जनसमुदाय से अपील करते हुए आग्रह किया कि जिस प्रकार से परमहंस महाराज जी ने अपने अनुयायियों को "सुन्दर साथ"नाम से संबोधित किया है उसी प्रकार से आचरण करते हुए समस्त अनुयायियों का नैतिक कर्तव्य है कि अपने उत्तम आचरण से समाज व राष्ट्र की सेवा करें।