प्रयागराज (राजेश सिंह)। रविवार को संगम में डूबे छात्र उत्कर्ष की तलाश के लिए बुधवार की सुबह से ही सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है।
संगम में रविवार देर शाम जेटी टूटने से हुए हादसे में 9 नहीं 11 लोग डूबे थे। 7 लोग बह गए थे जबकि 4 लोगों को बचा लिया गया था।
एनडीआरएफ-एसडीआरएफ ने दो और शवों को बरामद कर लिया है। इनमें से एक शव ग्वालियर के रहने वाले ऋषभ का है। परिजनों ने उसकी शिनाख्त की है। एक की पहचान होना अभी बाकी है। उत्कर्ष का अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है। सर्च ऑपरेशन बुधवार की सुबह 6 बजे से फिर शुरू कर दिया गया है।
संगम नोज पर इसी स्थान पर रविवार को जेटी टूटने से हादसा हुआ था और 7 लोग गंगा में समा गए थे।
अब तक 5 छात्रों के शव बरामद, एक की पहचान बाकी, एक अभी भी लापता।
एसीपी दारागंज चिराग जैन ने बताया कि मंगलवार की देर शाम छतनाग घाट पर सुमित का शव मिला है। उसके परिजनों ने पहचान की है। एक शव जिसकी पहचान नहीं हो सकी है, वह ग्वालियर के ऋषभ का था। वह इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बीकॉम की पढ़ाई कर रहा था। उसके परिजन प्रयागराज के लिए निकले हैं। अब तक डूबे 5 छात्रों के शव बरामद कर लिए गए हैं। उत्कर्ष की तलाश जारी है।
सुमित विश्वकर्मा (17) प्रयागराज में रहकर एनडीए की कोचिंग कर रहा था। वह मध्य प्रदेश के सतना जिले का रहने वाला था। उसके पिता शिवमंगल पुणे में नौकरी करते हैं और हादसे की जानकारी मिले के बाद प्रयागराज बुधवार को पहुंचे हैं। इकलौते बेटे की मौत पर परिजनों पर जैसे दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। सभी बिलख रहे थे। पोस्टमार्टम के बाद बुधवार की सुबह दारागंज घाट पर ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
हादसे की सूचना पर प्रयागराज पहुंचे विश्वेश्वर के की मां गीता और उनके पिता छोटे लाल को जिसने भी दहाड़ मारकर रोता देखा उसका कलेजा कांप गया।
पहचान के बाद महेश्वर वर्मा पुत्र छोटे लाल-मऊ, विशाल वर्मा पुत्र विजय वर्मा मुंगेर बिहार, अभिषेक अग्रहरी पुत्र जगदीश अग्रहरी-सुल्तानपुर, सुमित विश्वकर्मा पुत्र शिवमंगल -सतना मध्यप्रदेश। ऋषक जोकि ग्वालियर का रहने वाला है उसके शव की बुधवार को पोस्टमार्टम होना है। एक और छात्र के मिले शव की पहचान होना अभी बाकी है।