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चिल्लाते रहे घाट पर खड़े लोग, एक-एक कर पानी में समा गईं चार जिंदगियां

SV News
आरएएफ जवान समेत डूबे बच्चों को खोजते गोताखोर 

प्रयागराज (राजेश सिंह)। गंगा में आरएएफ जवान समेत चार लोगों के डूबने से फाफामऊ घाट पर चीखपुकार मच गई। हाल यह रहा कि प्रत्यक्षदर्शी घटना के बाद कुछ देर तक स्तब्ध रहे। बाद में बताया कि जवान व बच्चों को डूबता देख उन्होंने मदद के लिए गुहार लगाई। चीखे-चिल्लाए लेकिन उनकी सारी कोशिश नाकाम रही और एक-एक कर उनकी आंखों के सामने चार जिंदगियां पानी में समा गईं। जिस वक्त यह हादसा हुआ, फाफामऊ बाजार के बनीराम कुमार भी वहां मौजूद थे। वह रोज गंगा स्नान के लिए रोज आते हैं। बताया कि जवान चारों बच्चों को लेकर नदी में नहाने उतरा था। करीब चार साल के एक बच्चे को जवान खुद नहलाने लगा जबकि अन्य तीनों बच्चे अपने से स्नान करने लगे। अगले ही पल तीनों बच्चे पानी के बीच में बने टीले की ओर बढ़े। उधर जवान गोद में लिए बच्चे को नहलाने के बाद घाट पर ले आया और कपड़े देकर किनारे पर बैठाकर वापस जाने लगा।

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आरएएफ जवान उमेश यादव - फाइल फोटो 

अचानक बालिका के चीखने की आवाज सुनाई दी। लोगों की नजर गई तो देखा कि वह पानी में डूब रही थी। बगल में नहा रहा बालक उसे पकड़ने दौड़ा तो वह भी डूबने लगा। इसी तरह तीसरा बच्चे ने डूब रहे बालक का हाथ पकड़ना चाहा और वह भी गहराई में चला गया। तब तक तीनों बच्चे चीखने लगे थे। यह देख जवान उन्हें बचाने दौड़ा और वह भी गहराई में जाकर डूबने लगा। यह देख घाट पर मौजूद लोग चीखने लगे। आसपास मौजूद कुछ गोताखोर नदी में कूदे लेकिन जवान व बच्चों का कुछ पता नहीं चला। पुलिस के आने के बाद एसडीआरएफ के जवानों ने करीब घंटे भर बाद पहले जवान व दो बच्चों को बाहर निकाला। लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। कुछ देर बाद बालिका का भी शव मिल गया।
उधर जल पुलिस का कहना है कि डीप वाटर बैरिकेडिंग की अनदेखी इस हादसे की वजह बनी। मौके पर मौजूद जल पुलिस के कुछ जवानों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि फाफामऊ घाट पर डीप वाटर बैरिकेडिंग की गई है। जवान न सिर्फ खुद बैरिकेडिंग पार कर आगे बढ़ गया बल्कि तीनों बच्चों को भी बैरिकेडिंग पार करने से नहीं रोका। पानी में जिस जगह बैरिकेडिंग की गई है, उसके आगे की जमीन असमतल व बेहद खतरनाक है। यही वजह रहा कि गहराई का अंदाजा न लगा पाने के चलते बच्चे व जवान डूब गए। जल पुलिस प्रभारी कड़ेदीन यादव ने बताया कि फाफामऊ घाट पर चार गोताखोरों की स्थायी रूप से तैनाती की गई है। इसके अलावा वहां एक मोटरबोट की भी व्यवस्था रहती है।
उधर लगातार हादसों को देखते हुए बुधवार से फाफामऊ घाट पर पीएसी फ्लड कंपनी की एक टुकड़ी भी तैनात कर दी गई। जल पुलिस प्रभारी ने बताया कि फ्लड कंपनी के जवान दो शिफ्टों में ड्यूटी पर तैनात किए जाएंगे। इससे दुर्घटना की स्थिति में तत्काल राहत व बचाव कार्य शुरू किया जा सकेगा।

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