श्मशान घाटों पर निगरानी बढ़ाई गई
प्रयागराज (राजेश सिंह)। पहाड़ों पर बारिश के बाद गंगा-यमुना के जलस्तर में वृद्धि शुरू हो गई है। इसके साथ ही तटों पर कटान होने लगी है। मंगलवार को संगम तट पर उभरे रेत के टीले का आधा हिस्सा जलमग्न हो गया। यहां तीर्थपुरोहितों की आधा दर्जन से अधिक चौकियों तक पानी पहुंच गया। जलस्तर बढ़ने और कटान शुरू होने से फाफामऊ, छतनाग घाटों पर निगरानी बढ़ा दी गई है। गंगा का जलस्तर बढ़ने से मंगलवार को जगह-जगह रेत के टीले डूबने लगे। वहीं, फाफामऊ श्मशान घाट और अरैल घाट पर कटान हो रही है। यहां करीब पांच सौ मीटर दायरे में गंगा का किनारा कटान की चपेट में आ गया है। संगम घाट पर मंगलवार को रेत के टीले डूबने लगे। आधे से अधिक हिस्सा जलमग्न हो गया। तीर्थपुरोहितों की चौकियां भी जलमग्न हो गईं।
केंद्रीय जल आयोग की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार गंगा का जलस्तर फिलहाल दो सेंटीमीटर प्रतिघंटा के हिसाब से बढ़ रहा है। सोमवार को गंगा का जलस्तर 75.84 मीटर दर्ज किया गया था, जबकि मंगलवार को गंगा 76.08 मीटर पर पहुंच गई। महावीर घाट, रामघाट पर दो दिनों में करीब पांच फीट से अधिक गंगा का किनारा कटान में समाहित हो चुका है।
गंगा घाटों पर कटान के बाद निगरानी बढ़ा दी गई है। नगर निगम निगरानी समिति के सदस्यों के अलावा कर्मचारियों को हिदायत दी गई है कि कटान की वजह से एक भी शव गंगा में न बहने पाए। रेत से बाहर आने के बाद शव गंगा में न बहें और चील, कौए उन्हें न नोचें, इसके लिए सतर्कता बढ़ा दी गई है। ऐसे शवों का नगर निगम की ओर से अंतिम संस्कार कराने की घोषणा की गई है।
फाफामऊ श्मशान घाट पर अभी कटान की वजह से एक भी शव बाहर नहीं आया है। जलस्तर बढ़ने के बाद घाट पर तैनात कर्मियों को सजग कर दिया गया है। लगातार नजर रखी जा रही है। नगर आयुक्त के निर्देश पर 10 कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। जरूरत पड़ने पर सम्मान जनक तरीके से चिताएं सजाकर नगर निगम की ओर से अंतिम संस्कार कराया जाएगा। - नीरज कुमार सिंह, जोनल अधिकारी, फाफामऊ-नगर निगम