भेजा जा चुका है प्रस्ताव
प्रयागराज (राजेश सिंह)। कांवड़ियों के लिए अलग पथ में अभी कई बाधाएं हैं। इसका प्रस्ताव तो शासन को भेजा जा चुका है लेकिन हंडिया से झूंसी के बीच बन रहे फोन लेन सड़क के बनने तक इसके लिए इंतजार करना पड़ेगा।
दो दिन बाद सावन शुरू होने जा रहा है। इसी के साथ कांवड़ यात्रा के लिए वाराणसी मार्ग को एक तरफ से बंद कर दिया जाएगा। यानि, आना और जाना दोनों एक ही लेन से होगा। ऐसे में इस साल भी सावन के दौरान जाम की समस्या से लोगों को रूबरू होना पड़ेगा। मुश्किल यह कि मलमास की वजह से इस बार 59 दिन का सावन पड़ रहा है और इस दौरान एक लेन बंद रहेगी।
इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए अलग कांवड़ पथ बनाने का निर्णय लिया गया है। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के आदेश पर जनवरी में ही प्रस्ताव तैयार किया गया था। 3.73 मीटर चौड़े कांवड़ मार्ग के प्रस्ताव को उप मुख्यमंत्री की भी मंजूरी मिल चुकी है। लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता रमाशंकर यादव का कहना है प्रस्ताव शासन को भी भेज दिया गया है।
अफसरों के अनुसार कांवड़ पथ के लिए अलग से कोई जमीन नहीं ली जाएगी। सड़क के किनारे बने सर्विस लेन एवं फुटपाथ को ही कांवर पथ में तब्दील किया जाएगा। चूंकि हंडिया से झूंसी के बीच फोर लेन सड़क बन रही है। इसमें सर्विस लेन का भी प्रावधान किया गया है। रास्ते में आने वाले हनुमानगंज, सैदाबाद आदि बाजार में फुटपाथ का इस्तेमाल कांवड़ पथ के लिए किया जाएगा।
अफसरों का कहना है कि झूंसी से हंडिया के बीच फोर लेन बनने के बाद इसकी प्रक्रिया शुरू किए जाने की उम्मीद है। हालांकि, इसके लिए शासन के आदेश का इंतजार करना होगा। वहीं डीएम संजय कुमार खत्री का कहना है कि प्रस्ताव भेजा जा चुका है। अगले वर्ष सावन से पहले कांवड़ पथ का निर्माण कराने का लक्ष्य है।
लोक निर्माण विभाग की ओर से कांवड़ पथ का प्रस्ताव तो तैयार कर लिया गया है लेकिन बजट को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। इसे महाकुंभ के कार्य में शामिल नहीं किया गया है। एक अफसर ने बताया कि माघ मेला या इसके लिए अगल से बजट स्वीकृत कराने की योजना है।
प्रयागराज से काशी के बीच कांवड़ पथ हर हाल में बनेगा। प्रस्ताव मिल चुका है। जल्द ही इसका निर्माण शुरू होगा। बजट की कोई समस्या नहीं होगी। - केशव प्रसाद मौर्य, उप मुख्यमंत्री