विशेष सचिव ने प्रमुख अभियंता से तलब की रिपोर्ट
प्रयागराज (राजेश सिंह)। पीडब्ल्यूडी के विद्युत यांत्रिक खंड में फर्जी अनुबंध गठित करने, चहेती फर्मों के नाम पर फर्जी बिल बनाकर भुगतान करने में एक्सईएन दिनेश कुमार पर शासन की तलवार लटक गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जांच का आदेश दिया था, लेकिन फाइल दबा दी गई। अब विशेष सचिव आशुतोष कुमार द्विवेदी ने पीडब्ल्यूडी के प्रमुख अभियंता को पत्र लिखकर इस मामले में रिपोर्ट तलब की है।
विशेष सचिव ने पत्र में लिखा है कि यह प्रकरण मुख्यमंत्री के आदेश से संबंधित है। इसलिए शीघ्र रिपोर्ट भेजी जाए। इसके बाद विद्युत यांत्रिक खंड में हुई वित्तीय अनियमितताओं की नए सिरे से जानकारी जुटाई जा रही है। इस मामले की शिकायत मुख्य अभियंता के अलावा इंजीनियर इन चीफ से भी की गई थी। उन्होंने शिकायतों की बिंदुवार जांच भी कराई थी।
यह शिकायत भाजपा के कानूनी और विधि विभाग के जिला संयोजक भोलानाथ पांडेय ने मुख्यमंत्री से की थी। आरोप है कि बीते वर्ष विद्युत यांत्रिक खंड में फर्मों से स्वीकृत बजट के विपरीत न्यूनतम दर पर निविदा डलवाकर शेष धनराशि डकार ली गई। उच्च न्यायालय के कोर्ट नंबर आठ, 10 और 18 में कराए गए विद्युतीय कार्यों में फर्जी भुगतान कर दिया गया है। इतना ही नहीं वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान निलंबित एक्सईएन दिनेश यादव के कार्यकाल का वीआरएफ/वीआरवी, एससी का अनुबंध गठित कर चहेती फर्म को फर्जी भुगतान किए जाने का भी मामला शासन की जानकारी में पहुंचा है।
इसी तरह उच्च न्यायालय में नेटवर्किंग के कार्य में भी मानक को ताक पर रखकर लाखों रुपये का गोलमाल किया गया है और एग्रीमेंट के तहत गारंटी, वारंटी के दस्तावेज नहीं सौंपे गए। अब शासन की ओर से इस मामले के पन्ने पलटे जाने से यांत्रिक खंड के अफसरों का सांसें फूलने लगी हैं। पता चला है कि हाल में ही इस मामले में एक्सईएन को अभिलेखों के साथ तलब भी किया गया था।