सोलह श्रृंगार में सज-धज कर पूजा पर बैठी व्रती महिलाओं की स्वरुप किसी देवी की प्रतिबिंब से कम नहीं था उनका उत्साह देखते बन रहा था।
मेजा,प्रयागराज। (हरिश्चंद्र त्रिपाठी)
हरितालिका तीज पर सोमवार को महिलाओं ने तीज पर निर्जला व्रत रखकर पति की सलामती और लंबी उम्र की कामना की। सोलह शृंगार से सज धजकर महिलाओं ने मंदिर में पूजा-अर्चना की तथा आचार्यों से शिव-पार्वती की कथा सुनी। नए परिधान और सोलह श्रृंगार में सज-संवर कर पूजा पर बैठी व्रती महिलाओं की स्वरुप किसी देवी की प्रतिबिंब से कम नही था। उनका उत्साह देखते बन रहा था। महिलाओं के मंदिर में पूजन-अर्चन से आसपास का माहौल भक्तिमय बना रहा। हरितालिका तीज पर कुंआरी कन्याएं मनचाहा वर के लिए, जबकि विवाहित महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए निर्जला व्रत रहकर पूजा-पाठ कीं। सबसे कठिन माने जाने वाले तीज व्रत के उत्साह में आधी रात के बाद से ही सुहागिनों ने अन्न-जल का त्याग कर दिया। दिन भर शृंगार की तैयारियों में जुटी रहीं। मेंहदी रचाई गई। घरों में गुझिया,ठोकवा सहित कई तरह के पकवान बनाए। शाम को विधिवत शृंगार करके नए कपड़े, गहने, शृंगार और पूजन सामग्री के साथ भगवान शिव और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा की। उसके बाद व्रत कथा सुनी। बाबा बोलन नाथ धाम में व्रती महिलाओं की भारी भीड़ देखने को मिली।इसके अलावा सुहागिनों ने घर में ही पूजन किया। व्रती महिलाओं ने मंदिर में पूरे मनोयोग से शिव-पार्वती की आराधना कीं तथा पति की लंबी उम्र, स्वस्थ जीवन व सात जन्मों तक साथ बने रहने की प्रार्थना की। शाम को मंदिर में उमड़ी भीड़ से हर तरफ श्रद्धा का भाव दिख रहा था।
क्षेत्र के बाबा बोलन नाथ धाम, जै कुंडेनाथ,पहाड़ी महादेव,श्रीनाथ मंदिर और गांव में स्थित शिव मंदिर में सायंकाल व्रती महिलाएं एवं कुंआरी कन्याऐं पहुंचीं और पूजा-अर्चना कीं।