फिलहाल सभी बच्चियों की हालत खतरे से बाहर
क्यों बीमार हुई बच्चियां, अभी तक साफ नहीं हुई है स्थिति,डॉक्टर ने कहा यह जांच का विषय है
कालेज और अस्पताल में नहीं है पंखे की व्यवस्था
मेजा,प्रयागराज।(हरिश्चंद्र त्रिपाठी)
क्षेत्र के गेदुराही गांव की पहाड़ी पर स्थित गुलाब शंकर यादव इंटर कालेज में सोमवार को लंच के समय 40 बच्चियों की तबीयत अचानक खराब हो गई। इन्हें इलाज के लिए कुछ को सीएचसी मेजा और कुछ को पास के निजी अस्पताल में एडमिट कराया गया। इलाज के बाद अधिकतर बच्चियों की स्थिति खतरे से बाहर थी। हालांकि दो बच्चियों को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। उन्हें ऑक्सीजन पर रख कर जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया।कुछ देर बाद दोनों की सेहत में सुधार हो गया और दोनों को ऑक्सीजन से हटा लिया गया। शाम तक सभी की स्थिति खतरे से बाहर बताई गई। सीएचसी मेजा सीनियर डॉक्टर समीम अख्तर का कहना है कि जांच के बाद ही पता चलेगा कि असली वजह क्या है? उन्होंने बताया की बच्चियों का ऑक्सीजन लेबल 100 था फिर भी उन्हें घबडाहट थी।उन्होंने ने बताया कि 11:30 बजे करीब 15 बच्चियों को तबीयत खराब होने के बाद अस्पताल लगाया गया। धीरे धीरे संख्या बढ़ती गई। बता दें कि उक्त कालेज में केवल 8 कमरे हैं।किसी भी कमरे में पंखा नही लगा है।इस संबंध में जब कालेज के प्रबंधक महेंद्र प्रसाद यादव से फोन पर बात करने की कोशिश की गई तो मोबाइल स्विच ऑफ मिला।घटना के बाद प्रबंधक,प्रिंसिपल सहित सभी स्टॉफ फरार हो गए। एक बच्ची के मुताबिक लंच की छुट्टी होने के बाद सभी लड़कियां एक कमरे में लंच करने की तैयारी में थे तभी खिड़की की तरफ से तेज बदबू आई और सांसे लेने में दिक्कत होने लगी।देखते ही देखते कई लड़कियों को सांस लेने में समस्या हो गई,जिसके बाद सभी बाहर चिल्लाते हुए भागे और अफरा तफरी मच गई।कुछ तो हादस की शिकार हुई,उन्हें अस्पताल पहुंचाते ही आराम मिल गया।तबियत खराब होने वाली वाली बच्चियों में प्रियांशु,बृजेश,कृष्ण,सुरेश,अंजली,प्रांजलि,सौरभ,दीपांशु,संध्या,स्नेहा,ज्योति,अंजली,शरद,पूनम,शिवानी,शिवा को अस्पताल में इलाज हुआ।जिसमे दो बच्चियों को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। उन्हें जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया।बाद में इनकी हालत में सुधार आया। सभी बच्चियों की उम्र 12 से 15 साल है।
घटना के कई घंटे बाद परिजन अस्पताल पहुंच रहे थे। हालांकि, अपनी बच्चियों को स्वस्थ देखकर उन्होंने राहत की सांस ली। घटना के बाद परिजन नाराज दिखे।उनका कहना था कि हमें तो स्कूल से कुछ सूचना नहीं दी गई। मेरे एक दोस्त ने मुझे बताया कि स्कूल में कुछ बच्चियां बेहोश हो गई हैं। जब स्कूल पहुंचा तो बताया गया कि सभी को अस्पताल भेजा गया है। फिलहाल सभी बीमार बच्चियों की हालत में सुधार हुआ है।इधर सीएचसी में जिस हाल में बच्चियों का इलाज चल रहा था,वहां भी एक सीलिंग फैन लगा था।जिसे एसडीएम मेजा अमित कुमार गुप्ता ने डाट फटकर लगाई।तो आनन फानन में फैन लगाया गया।वहां जनरेटर भी तेल पानी के अभाव में बंद मिला,बड़ी घटना के बाद मीडिया को देख उसे भी चालू किया गया।
कालेज में नहीं है पंखे की व्यवस्था
मेजा। कई साल पहले इंटर कालेज की मान्यता प्राप्त उक्त कालेज में केवल 8 कमरे हैं,किसी भी कमरे में बच्चों को भीषण गर्मी से निजात पाने के लिए एक भी पंखा की व्यवस्था नहीं है।इस संवाददाता ने जब कालेज पहुंकर देखा तो कालेज अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा था। न तो धूप से बचाने के लिए कालेज में एक भी छायादार पेड़ है और न ही कमरों में हवा के लिए पंखे की व्यवस्था है।
मेजा के अस्पताल में भी नहीं है पंखे की व्यवस्था
मेजा।सीएचसी मेजा में भी इमरजेंसी वार्ड के बड़े हाल में एक ही पंखा लगा हुआ है।मीडिया की निगाह जब कमरे के पंखे पर पड़ी तो इसकी शिकायत एसडीएम की गई तो अधीक्षक द्वारा तत्काल पंखा लगवाया गया। इतनी बड़ी घटना के एक घंटे बाद ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था की गई।अस्पताल की व्यवस्था देख बीमार बच्चियों के परिजन अस्पताल की व्यवस्था को देख अक्रोशित हुए।
बीमार बच्चियों से मिले एसडीएम, एसीपी और कोतवाल
मेजा।घटना के तुरंत बाद सूचना मिलते ही एसडीएम मेजा अमित कुमार गुप्ता, एसीपी मेजा विमल किशोर मिश्र और कोतवाल मेजा राजेश उपाध्याय सीएचसी पहुंच बीमार बच्चियों का हाल चाल जाना।उन्होंने अस्पताल के डॉक्टर से जानकारी ली और बेहतर इलाज के लिए निर्देशित किया। कोतवाल कालेज में मौके पर जाकर मुआयना किया।जहां बहुत सारी कमियां देखने को मिली।