प्रयागराज (राजेश शुक्ल/राजेश सिंह)। जया वर्मा सिन्हा ने शुक्रवार को ही रेलवे बोर्ड में अपना पदभार ग्रहण किया है। उन्होंने पहले दिन ही प्रयागराज में लगने वाले महाकुंभ के तहत किए जाने वाले रेलवे के कार्यों से संबंधी फाइलें भी देखीं।चर्चा इस बात की है कि महाकुंभ के पूर्व प्रयागराज शहर के सभी स्टेशनों को वह उत्तर मध्य रेलवे के अधीन लाए जाने संबंधी प्रक्रिया को अमली जामा पहना सकती है।
रेलवे बोर्ड की पहली महिला सीईओ/सीआरबी जया वर्मा सिन्हा का प्रयागराज से गहरा नाता है। इसका असर वर्ष 2025 में लगने वाले महाकुंभ मेले की तैयारियों में भी दिखेगा। जया यहां महाकुंभ मेले की तैयारियों का निरीक्षण करने के लिए समय-समय पर पहुंच सकती हैं। इसके अलावा प्रयागराज से जिन वंदे भारत एक्सप्रेस के संचालन का प्रस्ताव भेजा गया है उसे भी वह रेलवे बोर्ड स्तर से हरी झंडी दिखा सकती हैं।
जया वर्मा सिन्हा ने शुक्रवार को ही रेलवे बोर्ड में अपना पदभार ग्रहण किया है। उन्होंने पहले दिन ही प्रयागराज में लगने वाले महाकुंभ के तहत किए जाने वाले रेलवे के कार्यों से संबंधी फाइलें भी देखीं।चर्चा इस बात की है कि महाकुंभ के पूर्व प्रयागराज शहर के सभी स्टेशनों को वह उत्तर मध्य रेलवे के अधीन लाए जाने संबंधी प्रक्रिया को अमली जामा पहना सकती है।
प्रयागराज शहर के स्टेशन तीन जोनल रेलवे के अधीन हैं। प्रयाग जंक्शन, प्रयागराज संगम और फाफामऊ उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल के अधीन हैं। इसी तरह प्रयागराज रामबाग, दारागंज व झूंसी रेलवे स्टेशन पूर्वाेत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल एवं प्रयागराज जंक्शन, सूबेदारगंज, प्रयागराज छिवकी, नैनी स्टेशन उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज मंडल के अधीन हैं। हालांकि, यहां उत्तर मध्य रेलवे का मुख्यालय होने के साथ ही मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय भी है।
प्रयागराज से बंगलूरू और पुणे के लिए ट्रेन भी है प्रस्तावित
ऐसे में शहर के अन्य स्टेशन जो दूसरे जोनल रेलवे के अधीन है वहां होने वाले विकास कार्यों की गति एनसीआर के स्टेशनों में होने वाले विकास कार्यों के मुकाबले बेहद धीमी रहती है। इसी वजह से इन स्टेशनों को लंबे समय से एनसीआर में शामिल किए जाने की मांग चल रही है।
प्रयागराज से बंगलूरू और पुणे के लिए सीधी ट्रेन चलाए जाने व मुंबई दुरंतो को प्रतिदिन चलाए जाने के प्रस्ताव पर भी रेलवे बोर्ड स्तर से अब विचार हो सकता है। रेलवे अफसरों का कहना है कि प्रयागराज से जुड़े जो मामले रेलवे बोर्ड में लंबित हैं उसमें से अधिकांश को अप्रूवल मिलने की संभावना है।