डा. राम मनोहर लोहिया की पुण्यतिथि पर सपा कार्यालय में हुई गोष्ठी
प्रयागराज (राजेश सिंह)। महान समाजवादी नेता, स्वतंत्रता सेनानी, डॉ राम मनोहर लोहिया की पुण्यतिथि पर आज सपाजनों ने सिविल लाइन्स स्थित उनकी मूर्ति पर फूल माला अर्पित श्रद्धांजलि दी। तदुपरान्त जार्ज टाउन कार्यालय में गोष्ठी कर डॉ लोहिया जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर चर्चा करते हुए उनके आदर्शो, सिद्धांतो पर चलने का संकल्प दुहराया।
सपा जिलाध्यक्ष गंगापार अनिल यादव एवं जिलाध्यक्ष यमुनापार पप्पूलाल निषाद ने डॉ लोहिया को समाजवाद का प्रखर नेता बताते हुए कहा कि समाज के शोषित, पीड़ित एवं वंचित वर्ग के उत्थान के लिये उन्होंने जो राजनैतिक पृष्ठ भूमि तैयार किया उसको आगे बढ़ाते हुए धरती पुत्र मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी की सरकारों में पूरा करने का काम किया। पिछड़ों के आरक्षण, महिलाओं के अधिकार, अल्पसंख्यक समाज की सुरक्षा, आदि मामलों में ऐतिहासिक निर्णय लिये गए। आज सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, डॉ लोहिया, मुलायम सिंह, जनेश्वर मिश्रा, जय प्रकाश नारायण आदि समाजवादी नेताओं के सम्मान और उनके सपनों को पूरा करने के लिये सत्ता से टकराने का काम कर रहे हैं।
एम एल सी डॉ मान सिंह यादव ने कहा कि समाजवाद के पुरोधा डॉ लोहिया की प्रबल राजनैतिक इक्षा शक्ति थी जिसका उदाहरण फूलपुर लोकसभा क्षेत्र से तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के खिलाफ चुनाव लड़ जाना था। उनका मानना था कि यदि पत्थर की दीवाल को तोड़ा नहीं जा सकता तो उसमें दरार तो पैदा ही की जा सकती है।
पार्टी के प्रदेश सचिव नरेन्द्र सिंह ने डाक्टर लोहिया को नमन करते हुए कहा कि समाज की ऊबड़-खाबड़ व्यवस्था को पाटने के लिए तथा सबको समान अवसर दिलाने के लिए समाजवादी आंदोलन के प्रणेता तथा रचनाकार डाक्टर लोहिया के द्वारा प्रतिपादित सिद्धांत आज पहले से ज्यादा प्रासंगिक हैं। जिसे वर्तमान मे सपा प्रमुख अखिलेश यादव अपने संघर्षों और सिद्धान्तों से पूरा करने का भगीरथ प्रयास कर रहे हैं।
पूर्व सांसद धर्म राज सिंह पटेल,प्रदेश सचिव अमर नाथ सिंह मौर्य, पूर्व जिलाध्यक्ष पंधारी यादव आदि नेताओं नेकहा कि डॉ लोहिया के नारे “पिछड़े पावें, सौ में साठ “ के सपनों को पूरा करने के लिये जातीय जनगणना बहुत जरुरी है। सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक गैर बराबरी को दूर करने के लिये समाजवादी विचारधारा को आगे बढ़ाने का संकल्प भी दुहराया गया।
इस अवसर पर अन्य नेताओं में कृष्ण मूर्ति सिंह यादव, महेन्द्र निषाद, हेमंत टुन्नू,आर. एन. यादव, इंजी. जगदीश यादव, राम सुमेर पाल, प्रभात यादव, अभय राज यादव, जीतलाल पासी, दान बहादुर मधुर, नाटे चौधरी, दूध नाथ पटेल, खिन्नी लाल पासी, राम अवध पाल, महेन्द्र सरोज, प्रेम शंकर, केशव विश्वकर्मा, सैयद मिन्हाजुद्दीन, कृष्ण राज यादव, इंजी विक्रम सिंह, कुलदीप यादव, रामसेन, अमित बगई, संदीप कटका, रंजीत सोनकर, दिलीप यादव, सीता सरन, प्रभाकर सिंह, जय सिंह,बृजेश यादव, प्रेम शंकर,सचिन श्रीवास्तव, संतलाल वर्मा, दिनेश यादव, आदि मौजूद रहे।