प्रयागराज (राजेश सिंह)। महर्षि बाल्मीकि को नमन करते हुए सपा प्रदेश सचिव नरेन्द्र सिंह ने कहा कि महर्षि बाल्मीकि जी प्रथम कवि थे। उन्होंने विछोह और करूणा से संयुक्त प्रथम श्लोक काव्य बोलकर कविता का प्रारम्भ किया था। उसके बाद उन्होंने रामायण सहित कई ग्रंथ लिखा था, महर्षि जी की साधना मे इतनी शक्ति थी कि वो भविष्य द्रष्टा थे। आज उनकी जयंती शरद पूर्णिमा पर उन्हें नमन करना हम सबके लिए गर्व की बात है। आज समाजवादी पार्टी द्वारा पूरे प्रदेश मे उनकी जयंती मनाई जा रही है ताकि नई पीढ़ी अपने महापुरुषों के बारे मे जिज्ञासु बने।