प्रयागराज (राजेश सिंह)। इलाहाबाद हाईकोर्ट को पुलिस आयुक्त रमित शर्मा ने हलफनामा दाखिल करके बताया है कि माफिया अतीक अहमद को पुलिस विभाग की गोपनीय सूचनाएं देने के आरोप में उर्दू अनुवादक मुनव्वर खान को प्रयागराज से हाथरस स्थानांतरित किया गया है। उन्होंने कोर्ट को यह भी बताया है कि मुनव्वर से उमेश पाल हत्याकांड में चल रही विवेचना की गोपनीयता भंग होने का भी खतरा था। शुक्रवार को तय तारीख पर सुनवाई टल गई।
न्यायमूर्ति अजीत कुमार की अदालत की ओर से पारित आदेश के अनुपालन में पुलिस आयुक्त रमित शर्मा ने यह हलफनामा दाखिल किया है। पुलिस कार्यालय में उर्दू अनुवादक मुनव्वर खान ने हाथरस स्थानांतरण के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। अगस्त महीने में सुनवाई के दौरान पुलिस विभाग ने कोर्ट को बताया था कि विभाग की गोपनीयता के मद्देनजर मुनव्वर खान को अस्थायी तौर पर गैर जिला संबद्ध किया गया है।
यह भी बताया गया कि पुलिस की प्रारंभिक जांच में पता लगा था की उर्दू अनुवादक माफिया अतीक तक विभाग की गोपनीय सूचनाएं पहुंचाता है। इस दलील पर सख्त हुई अदालत ने पुलिस आयुक्त से व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर यह बताने को कहा था कि गोपनीयता भंग करने जैसे गंभीर आरोप में सिर्फ स्थानांतरण क्यों किया गया? क्या विभाग में मुनव्वर का कोई मददगार है या फिर यह आरोप मात्र स्थानांतरण आदेश का बचाव करने के लिए लगाया जा रहा है?
इसके जवाब में पुलिस आयुक्त ने हलफनामा दाखिल किया है। बताया है कि मुनव्वर खान को प्रारंभिक जांच में माफिया अतीक अहमद को गोपनीय सूचनाएं देने और अतरसुइया थाने में तैनाती के दौरान मंसूर अली पार्क में नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में बैठे आंदोलनकारियों की मदद करने में लिप्त पाया गया था।
पुलिस आयुक्त के हलफनामे का जवाब देने के लिए उर्दू अनुवादक के अधिवक्ता ने दो हफ्ते का समय मांगा था। इसे अदालत ने मंजूर भी कर लिया। आगे इसकी सुनवाई के लिए शुक्रवार की तारीख नियत हुई थी, लेकिन हो नहीं पाई।