प्रयागराज (राजेश सिंह)। माफिया अतीक के आर्थिक साम्राज्य को ढहाने में जुटी कमिश्नरेट पुलिस को एक और कामयाबी हाथ लगी है। पुलिस ने लखनऊ में उसकी करोड़ों की बेनामी संपत्ति खोज निकाली है। यह संपत्ति राजधानी के बेहद पॉश इलाके में एक फ्लैट के रूप में है। इसे माफिया ने एक ठेकेदार के नाम खरीदा था। संपत्ति का पता चलने के बाद ठेकेदार का परिवार रडार पर आ गया है।धूमनगंज थाने में दर्ज गैंगस्टर के मुकदमे में पुलिस अतीक की अपराध से अर्जित संपत्ति तलाशने में जुटी है। इसी क्रम में पता चला कि माफिया ने लखनऊ के महानगर कॉलोनी में एक फ्लैट अपने करीबी ठेकेदार के नाम पर खरीदा था। जानकारी जुटाने पर यह बात सामने आई कि यह फ्लैट करेली के जीटीबी नगर निवासी सिंचाई विभाग के एक ठेकेदार के नाम पर खरीदा गया था। 2012 में इसकी रजिस्ट्री कराई गई। पुलिस को यह भी पता चला कि ठेकेदार अतीक का करीबी रहा है।
उसकी कुछ वर्षों पहले मौत हो चुकी है। महज 30 लाख रुपये में खरीदे गए इस फ्लैट की कीमत वर्तमान में करोड़ों में है। जिस वक्त यह फ्लैट खरीदा गया, उस दौरान बैनामे में सरकारी मालियत से कम मूल्य चुकाने की भी बात सामने आई है।
जांच के क्रम में पुलिस ठेकेदार की पत्नी तक पहुंची तो उसने बताया कि फ्लैट उसके पति ने खरीदा था। अतीक ने जबरन इसकी चाबी ले ली थी। फ्लैट लेते वक्त कहा था कि कुछ दिनों के लिए उसके किसी परिचित को रहना है। इसके बाद उसने चाबी वापस नहीं की। फिर लगातार उसके लोगों का ही फ्लैट पर कब्जा बना रहा। महिला की बातों में कितनी सच्चाई है, फिलहाल पुलिस इस संबंध में जांच में जुटी है।
जांच में यह बात भी सामने आई है कि बेनामी संपत्ति के रूप में चिह्नित इसी फ्लैट में अतीक का बेटा असद अपने दोस्त आतिन जफर के साथ रहता था। दोनों यहीं रहकर लखनऊ जेल में बंद अतीक के कारोबार को संचालित करते थे। साथ ही माफिया के बड़े बेटे उमर व आतिन के पिता से मिलते-जुलते थे। साथ ही यहां अशरफ के साले सद्दाम का भी आना-जाना था। उमेश पाल हत्याकांड के बाद युवक को नग्न कर पिटाई करने का सद्दाम का वीडियो भी इसी फ्लैट का था।