प्रयागराज (राजेश सिंह)। प्रयागराज-बांदा हाईवे पर बारा क्षेत्र में धनतेरस यानी शुक्रवार आधी रात बड़ा हादसा हुआ। चिल्ला मोड़ के पास खड़े ट्रक से बाइक भिड़ गई। हादसे में दो युवकों की मौत हो गई, जबकि एक गंभीर रूप से घायल हो गया। तीनों बाइक पर सवार थे। सूचना पर पहुंची पुलिस ने घायल को अस्पताल व मृतकों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
मिली जानकारी के अनुसार बारा खास निवासी 27 वर्षीय प्रदीप कुमार उर्फ शनी पुत्र सुरेश कुमार उर्फ तुइन्या, मेजा के कोहड़ा निवासी 22 वर्षीय कौश्तुभ शुक्ला पुत्र वीरेंद्र नाथ शुक्ला और नैनी के साजी का पूरा निवासी दिनेश कुमार मित्र थे। प्रदीप मोबाइल मैकेनिक था। वह शहर के लक्ष्मण मार्केट मोबाइल की दुकान पर काम करता था। कौश्तुभ भी वहीं मोबाइल का काम करता था, जबकि दिनेश कुमार मूल निवासी पिपरौंध थाना मऊ साजी का पूरा में नगर निगम में प्राइवेट काम करता है।
तीनों एक ही बाइक से शुक्रवार रात शहर से बारा खास आ रहे थे। क्षेत्र के चिल्ला गौहानी मोड़ पर एक ट्रक खड़ा था। ट्रक के पास पहुंचने पर बाइक अनियंत्रित होकर उससे भिड़ गई। तीनों युवक बाइक सहित गिर गए। चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग घटनास्थल पर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी। सूचना पर बारा पुलिस मौके पर पहुंची और लोगों की मदद से किसी तरह बाहर निकाला। हालांकि तब तक प्रदीप और कौश्तुभ की मौत हो चुकी थी, जबकि दिनेश जख्मी था। उसे अस्पताल भेजकर शवों को कब्जे में ले लिया। पुलिस की सूचना पर रोते-बिलखते स्वजन भी पहुंच गए।
प्रदीप की पिछले वर्ष काजल कुमारी से शादी हुई थी। तीन बहनों में वह सबसे छोटा भाई था। बड़ी बहन की शादी हो चुकी थी। दो अविवाहित हैं। पिता मजदूरी करते हैं। उसके पिता ने दो शादी की थी। प्रदीप पहली पत्नी का इकलौता लड़का था और दूसरी मां से एक बेटा है। पहली मां की मृत्यु हो चुकी है। कौस्तुभ दो भाई एक बहन में बड़ा था। छोटा भाई और बहन की पहले ही मृत्यु हो चुकी है। पिता एनटीपीसी मेजा में काम करते हैं।
बारा थानाध्यक्ष विनोद कुमार ने बताया कि दो की मौके पर मौत हो गई थी, जबकि एक घायल को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने शव कब्जे में ले लिया है।
सड़क हादसे में दिनेश की जान बच गई। उसने हेलमेट पहना था। दिनेश बाइक पर बैठा था। वहीं उसके दोनों दोस्त प्रदीप और कौश्तुभ की मौत हो गई। तीनों एक ही बाइक पर सवार थे। दिनेश के अलावा, किसी ने भी हेलमेट नहीं पहना था। लोगों का कहना था कि अगर प्रदीप और कौश्तुभ भी हेलमेट पहने होते तो उनकी जान बच सकती थी।