नई दिल्ली। भारत सरकार की कोशिश है कि फ्रांस ने जुलाई, 2023 में पीएम नरेन्द्र मोदी का बास्तिला दिवस के अवसर पर बतौर राजकीय मेहमान जैसा भव्य स्वागत किया था वैसा ही स्वागत राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रा का किया जाए। राष्ट्रपति मैक्रा 26 जनवरी, 2024 को गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजकीय मेहमान होंगे। भारत के दो दिवसीय दौरे पर वह 25 जनवरी, 2024 को जयपुर पहुंचेंगे और वहां पीएम मोदी उनका स्वागत करेंगे।
दोनो नेता जयपुर के कुछ प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों जैसे हवा महल का दौरा करेंगे। जयपुर में ही दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय वार्ता होगी। मैक्रा की यह यात्रा इस बात को दर्शाता है कि क्यों फ्रांस को भारतीय कूटनीति में नये रूस के तौर पर देखा जाता है। आगामी गणतंत्र दिवस में मेहमान बनने के लिए भारत सरकार ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को आमंत्रित किया था। बाइडन के मना करने के बाद अंत समय में फ्रांसीसी राष्ट्रपति के कार्यालय से बात की गई और मैक्रा ने द्विपक्षीय रिश्तों की अहमियत को देख कर यात्रा को हरी झंडी दिखाई।
वैश्विक पटल पर भारत और फ्रांस जिस तरह से एक दूसरे पर भरोसा करते हैं वैसा उदाहरण बहुत ही कम है। यह इस बात से भी समझी जा सकती है कि पिछले छह महीनें के दौरान 25 जनवरी, 2024 को पीएम मोदी और राष्ट्रपति मैक्रा के बीच छठी बार बैठक होगी। फ्रांस भारत का पहला रणनीतिक साझेदार देश है।
विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि मोदी और मैक्रा के बीच लगातार हो रही बैठकों का नतीजा है कि द्विपक्षीय रिश्तों के तमाम आयामों को लेकर जो भी लक्ष्य तय किये जाते हैं उनकी प्रगति भी सुनिश्चित की जाती है। इस बार होने वाली बैठक में विज्ञान व प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, शिक्षा और कारोबार जैसे मुद्दे काफी महत्वपूर्ण होंगे।
जुलाई, 2023 में दोनो नेताओं के सामने हिंद प्रशांत क्षेत्र में सहयोग को लेकर दोनों देशों में समझौता हुआ था, जिसकी समीक्षा इस बार की जाएगी। भारत और फ्रांस के बीच द्विपक्षीय कारोबार 30 अरब डॉलर से ज्यादा का हो चुका है। इसका बहुत बड़ा हिस्सा हथियारों की खरीद और पेट्रोलियम उत्पाद है। फ्रांस भारत के लिए एक प्रमुख हथियार आपूर्तिकर्ता देश बन चुका है, जबकि भारत उसे कई तरह के पेट्रोलियम उत्पाद की आपूर्ति करता है। कारोबार संतुलन काफी ज्यादा फ्रांस के पक्ष में है। भारत इसे दूर करने के लिए ज्यादा उत्पादों का निर्यात करना चाहता है लेकिन इसमें सफलता नहीं मिल रही है।
जुलाई में पीएम मोदी के दौरे के समय दोनों देशों के बीच वर्ष 2047 में द्विपक्षीय रिश्तों का रोडमैप बनाने के लिए होरीजन-2047 समझौता किया गया था। इसमें सुरक्षा क्षेत्र में संबंधों को और प्रगाढ़ करने की बात कही गई है। फ्रांस ने उन्नत प्रौद्योगिक से सुसज्जित हथियारों की तकनीक भारत को ट्रांसफर करने और उसका निर्माण यहां करने को भी तैयार है।
दोनो देशों के बीच रक्षा क्षेत्र में एक व्यापक समझौता पर भी बातचीत हो रही है लेकिन अधिकारियों का कहना है कि यह समझौता इस बार नहीं होगा। लेकिन पनडुब्बी फ्लीट बनाने की योजना की भी समीक्षा होगी। अधिकारियों का कहना है कि दोनों देशों के बीच शिक्षा क्षेत्र में सहयोग एक नया आयाम दे रहा है। फ्रांस ने हाल ही में भारत से हर वर्ष 30 हजार विद्यार्थियों को आकर्षित करने का ऐलान किया है। वहां के कई विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा के माध्यम के तौर पर फ्रेंच के साथ ही अंग्रेजी का भी विकल्प दिया जा रहा है।
डिजिटल तकनीक एक अन्य नया क्षेत्र है जहां दोनों देशों की सरकारें काफी उत्साहित हैं। पीएम मोदी की पिछली पेरिस यात्रा के दौरान बताया गया था कि भारत का भुगतान प्लेटफार्म यूपीआई को एफिल टावर में स्वीकार किया जाएगा। दोनों देशों के संबंधित विभागों में वार्ता जारी है ताकि इसे अमली जामा पहनाया जा सके।