कोटेदार की जमानत नामंजूर होने से लटकी गिरफ्तारी की तलवार
कोरांव, प्रयागराज (सत्यम तिवारी) कोरांव स्थित ग्राम पंचायत अल्हवा के कोटेदार और उसके पुत्र द्वारा प्रधान की सुपुर्दगी में रखी गई ग्राम समाज की जमीन की फसल को चोरी में काट लेने की घटना में थाना कोरांव में एफआईआर दर्ज हुई। आठ मार्च को गिरफ्तार पवन कुमार पाल पुत्र लाल बहादुर पाल की जिला एवं सत्र न्यायालय ने दो अप्रैल को सशर्त जमानत दे दी थी किन्तु एक अभियुक्त लाल बहादुर पाल कोटेदार की अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र उक्त कोर्ट ने निरस्त कर दिया जिससे लाल बहादुर पाल की गिरफ्तारी होना सुनिश्चित हो गई। ज्ञात हो कि ग्राम सभा की आराजी संख्या 1036 ख नाला के तीन बीघा भूमि पर कोटेदार अल्हवा का अवैध कब्जा कई वर्षों से था जिसे वर्ष 2021 में ही प्रधान शहजादे ने उसे अवैध कब्जे हटाने की चेतावनी दी थी। सुधार न होने पर राजस्व पुलिस बल के साथ अवैध फसल को नष्ट कराया था किन्तु कोटेटार और उसका पत्र जबरन जोत बो लिया और प्रधान लेखपाल को प्रधान के विपक्षियों के इशारे पर तरह तरह की धमकियां दी थी। प्रधान ने मंडलायुक्त के आदेश पर जांच टीम गठित कराकर अवैध कब्जे को खाली करने की चेतावनी दी किंतु दोनो अभियुक्त नजर अंदाज कर दिए। तहसीलदार कोरांव ने टीम के द्वारा सीमांकन कराई और थाना कोरांव में एफआईआर दर्ज करा दिया। फसल प्रधान को सुपुर्द कर दिया। दोनों ने चोरी में फसल काट कर उठा ले गए जिस पर ग्राम प्रधान अल्हवा शहजादे ने थाना कोरांव में धारा 379 आईपीसी में केस दर्ज करा दिया। पुलिस ने राजस्व का मामला देख पुलिस अधिकारियों के आदेश पर आठ मार्च को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था और कोटेदार लाल बहादुर पाल ने भी सेशन कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की। जिस पर कोर्ट ने लाल बहादुर पाल कोटेदार अल्हवा की जमानत नामंजूर कर दी जिससे कोटेदार के गिरफ्तारी की तलवार लटक गई। फिलहाल पुलिस ने शीघ्र गिरफ्तारी की बात कही है।