लखनऊ (राजेश सिंह)। चकबंदी आयुक्त जीएस नवीन कुमार ने अनियमितता के आरोप में बांदा के चकबंदी अधिकारी राणा प्रताप और मिर्जापुर के सहायक चकबंदी अधिकारी राजेंद्र राम को निलंबित कर दिया। उनके डिमोशन के साथ ही एफआईआर दर्ज करने के निर्देश भी दिए गए हैं। बांदा के गांव उमरेहडा में काम न करने पर बहिंगा गांव के सहायक चकबंदी अधिकारी ने काम पूरा करने के बजाय सीसीएमएस पोर्टल से न्यायालय न चलाने और रकबा बंदोबस्त से अधिक बढ़ाने जैसी गंभीर अनियमितताएं की थीं।
इस मामले में चकबंदी अधिकारी राणा प्रताप की भी लापरवाही पाई गई थी। इसी तरह मिर्जापुर के सहायक चकबंदी अधिकारी राजेंद्र राम ने कई अनियमितताएं कीं। 17 मई को ग्राम मवैया की चक संख्या-950 से मृतक शेषनरायन सिंह की वरासत मनमाने तौर पर बिना जांच किए चार बार आदेश पारित कर पद का दुरुपयोग किया। उन्होंने बिना दस्तावेज परीक्षण और जांच के नामांतरण आदेश दे दिए। इस पर मिर्जापुर के सहायक चकबंदी अधिकारी राजेंद्र राम को भी निलंबित कर विभागीय कार्रवाई शुरू की गई है।
कैसरबाग बस अड्डे के एआरएम अरविंद कुमार को निलंबित परिचालक को बगैर किसी आधार के बहाल करने के आरोप में प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है। वहीं, अयोध्या के क्षेत्रीय प्रबंधक (आरएम) विमल राजन की काम में लापरवाही बरतने के लिए एक साल की वेतन वृद्धि को अस्थायी तौर पर रोक दी गई है।
रोडवेज के कैसरबाग बस अड्डे के एआरएम अरविंद कुमार ने हरदोई से लखनऊ रूट पर चलने वाली बस संख्या यूपी 78 एफएन 2651 के निलंबित परिचालक को बहाल कर दिया था। बता दें कि परिचालक ने बीती 14 फरवरी को 50 यात्रियों का टिकट पचकोहरा से जारी किया था। जबकि किराया हरदोई से लिया गया था। प्रवर्तन दल की जांच में परिचालक दोषी पाया गया था और उसे निलंबित कर दिया गया था। इस मामले में रोडवेज के प्रबंध निदेशक मासूम अली सरवर ने एआरएम अरविंद कुमार को प्रतिकूल प्रविष्टि दी है।
वहीं, दरअसल, अयोध्या क्षेत्र के सहायक यातायात निरीक्षक रजनीकांत मिश्रा को तत्काल रूप से प्रवर्तन कार्यों से हटाकर बुकिंग लिपिक पद पर भेजना था, लेकिन अयोध्या परिक्षेत्र के आरएम विमल राजन ने ऐसा नहीं किया। इसके चलते उनका एक साल का इंक्रीमेंट रोका गया है।