प्रयागराज (राजेश सिंह)। दिवाली एवं भैया दूज के लिए प्रयागराज आने वालों का सिलसिला जारी है। प्रयागराज जंक्शन, छिवकी स्टेशनों पर दिल्ली, मुंबई आदि शहरों से यात्री लगातार पहुंच रहे हैं। इस बीच रोडवेज प्रयागराज रीजन की बसों के अतिरिक्त फेरे भी लगने शुरू हो गए। दीपपर्व दिवाली का आगाज मंगलवार को धनतेरस से हो गया। इस वजह से दिल्ली, मुंबई, हावड़ा, जयपुर, मेरठ, लखनऊ रूट से आने वाली सभी ट्रेनें यात्रियों से ठसाठस आईं। मंगलवार को रीवा एक्सप्रेस से प्रयागराज पहुंचे प्रतीक मालवीय ने बताया कि ट्रेन में काफी भीड़ आई। स्लीपर कोच का हाल जनरल कोच जैसा रहा।
भीड़ की वजह से जिन यात्रियों की लोअर बर्थ रही उसमें से अधिकांश को अपनी बर्थ प्रतीक्षा सूची वाले यात्रियों के साथ साझा करनी पड़ी। इसी तरह प्रयागराज एक्सप्रेस से जंक्शन पहुंचे रामबाग के संदीप ने बताया कि दिवाली के मौके पर नई दिल्ली स्टेशन पर काफी भीड़ थी। स्टेशन परिसर से प्लेटफार्म तक पहुंचने में ही तकरीबन घंटे भर का वक्त लग गया। संदीप ने बताया कि प्रयागराज के स्लीपर कोच में काफी भीड़ आई। उधर ब्रह्मपुत्र मेल, पुरुषोत्तम एक्सप्रेस, हमसफर एक्सप्रेस, संगम एक्सप्रेस, देहरादून एक्सप्रेस, बीकानेर-प्रयागराज एक्सप्रेस भी यात्रियों से भरी हुई आईं।
वहीं दूसरी ओर भीड़ बढ़ने की वजह से यूपी रोडवेज ने भी अतिरिक्त बसों का संचालन मंगलवार से शुरू कर दिया। इस दौरान गोरखपुर, आजमगढ़, बस्ती, बहराइच जाने वाली बसें यात्रियों से फुल गई। यूपी रोडवेज प्रयागराज रीजन के क्षेत्रीय प्रबंधक एमके त्रिवेदी ने बताया कि मंगलवार को अन्य दिनों के मुकाबले यात्रियों की बस स्टेशन पर ज्यादा आवाजाही रही। कहा कि दिवाली के लिए बसों के अतिरिक्त फेरे हर रोज लगेंगे।
दिवाली पर घर जाने को उमड़ी भीड़, ट्रेनें और बसें ठसाठस
दिवाली पर घर जाने के लिए बुधवार को रेलवे स्टेशनों और बस स्टेशन पर यात्रियों की जबरदस्त भीड़ रही। जिन लोगों को सीट नहीं मिली वह ट्रेनों व बसों में खड़े होकर गए। कई ट्रेनों के गेट पर भी यात्रियों ने लटक कर सफर किया। अंदर सीटें भरी थीं तो बहुत से लोग टॉयलेट में घुस गए। यह हाल तब रहा जब रेलवे ने इस बार दो दर्जन से ज्यादा स्पेशल ट्रेनें विभिन्न शहरों के लिए चलाई हैं। दिवाली के एक दिन पूर्व दिल्ली, मुंबई से बिहार की ओर जाने वाली ट्रेनों में पैर रखने की भी जगह नहीं मिली।
नॉर्थ ईस्ट, महानंदा, सीमांचल, पूर्वा, महाबोधि, पुरुषोत्तम एक्सप्रेस आदि ट्रेनों के स्लीपर और एसी कोचों में यात्रियों ने वेटिंग टिकट लेकर यात्रा की। जनरल कोचों का हाल तो बदतर रहा। कई यात्रियों को टॉयलेट में खड़े होकर सफर करना पड़ा। कई यात्री तो सामान रखने वाली सीटों के बीच चादर बांधकर बैठे। प्रयागराज जंक्शन पहुंची नंदन कानन, नेता जी एक्सप्रेस, मुरी एक्सप्रेस, नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस, एलटीटी-गोरखपुर काशी एक्सप्रेस, पवन एक्सप्रेस यहां रुकी तो खाने पीने के स्टॉलों में भीड़ उमड़ पड़ी।
जिनको बैठने की जगह मिल गई थी, वह पानी लेने के लिए भी नहीं उतरे। स्पेशल ट्रेनों की लेटलतीफी ने भी यात्रियों को खासा परेशान किया। कई स्पेशल ट्रेनें दो से दस घंटे तक लेट रहीं। वहीं यूपी रोडवेज के सिविल लाइंस व जीरोरोड बस स्टेशन की बात करें तो आजमगढ़, गाजीपुर, अमेठी, बस्ती, गोरखपुर, देवरिया आदि शहरों की ओर जाने वाले यात्रियों को बसों का लंबा इंतजार करना पड़ा। इस दौरान बसें भी कम पड़ गईं।
यात्री बहुत थे इसलिए सिविल लाइंस लोहिया मूर्ति चौराहा, स्टेनली रोड आदि चौराहों पर खड़ी होने वाली निजी टैक्सियों ने भी मनमानी वसूली की। लखनऊ के लिए चार से पांच हजार रुपये लेकर पांच-छह यात्रियों को टैक्सी से ले जाया गया। इसी तरह वाराणसी जाने वाली टैक्सियों ने भी यात्रियों से तीन हजार रुपये तक लिए। उधर, यूपी रोडवेज ने 156 अतिरिक्त बसों का संचालन कर रखा है, लेकिन भीड़ के आगे सारे इंतजाम बौने साबित हुए।