प्रयागराज (राजेश सिंह)। महाकुंभ में नगर प्रवेश के लिए मंगलवार को जूना अखाड़े के संन्यासियों का जत्था निकल पड़ा। 17 अक्तूबर को शरद पूर्णिमा के दिन अंदावा के पास रामपुर में जूना अखाड़े के नागा संन्यासी पड़ाव डालेंगे। वहां अखाड़े के संतों की अगवानी कुंभ मेला प्रशासन करेगा। इसके लिए मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने शिविर लगाने के साथ बिजली-पानी और सफाई के पुख्ता इंतजामों के लिए विभागवार अफसरों की जिम्मेदारी तय कर दी।
महाकुंभ मेला इस बार पौष पूर्णिमा स्नान के साथ 13 जनवरी 2025 से आरंभ होगा। पंच दशनाम जूना अखाड़े के साधु-संत 17 अक्तूबर को नगर प्रवेश के लिए प्रयागराज पहुंचेंगे। पहला पड़ाव शहर के पूर्वी छोर पर अंदावा के पास रामपुर में जूना अखाड़े के हनुमान मंदिर पर होगा। इसके लिए अखाड़े के संन्यासियों के देशभर से कूच करने के साथ ही मेला प्रशासन अगवानी की तैयारी में जुट गया है।
अखाड़े के नागा संन्यासी, महामंडलेश्वर, महंत, साधु-संत और मठाधीशों ने मंगलवार को प्रयागराज के लिए प्रस्थान शुरू कर दिया। तीन नवंबर को यम द्वितीया के दिन हाथी-घोड़े, बग्घी, सुसज्जित रथों और पालकियों के साथ जूना अखाड़े की ओर संन्यासी नगर प्रवेश करेंगे।
संन्यासियों के सबसे बड़े जूना अखाड़े ने नगर प्रवेश, पेशवाई, शाही स्नान, शोभायात्रा, और कढ़ी-पकौड़ा तक की तिथियां तय कर ली हैं। महंत हरि गिरि ने बताया कि जूना अखाड़े के संन्यासी महाकुंभ के लिए रवाना हो चुके हैं। महाकुंभ में भाग लेने, नगर प्रवेश, धर्म ध्वजा पूजन, नागा संन्यासियों के लिए शिविरों के लिए भूमि आवंटन और छावनी प्रवेश (पेशवाई) समेत अन्य तिथियों का निर्धारण कर लिया गया है।
अखाड़े के रमता पंच, नागा संन्यासी, मठाधीश, महामंडलेश्वर, और आश्रमधारी शहर से बाहर रामपुर में स्थित सिद्ध हनुमान मंदिर परिसर में शरद पूर्णिमा पर 17 अक्तूबर को पहुंच जाएंगे। तीन नवंबर को यम द्वितीया पर रमता पंच की अगुवाई में जूना अखाड़ा पूरे लाव-लश्कर, बैंडबाजा, और पालकियों के साथ जुलूस के रूप में नगर प्रवेश करेगा। 23 नवंबर को कुंभ मेला छावनी में काल भैरव अष्टमी के दिन आवंटित भूमि का पूजन कर धर्म ध्वजा स्थापित की जाएगी।
14 दिसंबर को अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि के नेतृत्व में जूना अखाड़ा की ओर से पेशवाई निकाली जाएगी। यह कुंभ मेला छावनी में समूह के साथ प्रवेश करेगी। 14 जनवरी को प्रथम शाही स्नान से पहले वेणी माधव भगवान की पूजा-अर्चना के बाद भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी और नगर परिक्रमा की जाएगी।
शाही स्नान की तिथियां
14 जनवरी 2025 -मकर संक्रांति
29 जनवरी 2025 -मौनी अमावस्या
3 फरवरी 2025 -वसंत पंचमी
अन्य महत्वपूर्ण स्नान
13 जनवरी -पौष पूर्णिमा
12 फरवरी - माघ पूर्णिमा
26 फरवरी - महाशिवरात्रि पर्व