प्रयागराज। प्रयागराज जंक्शन पर रेलवे की अत्यधिक सतर्कता और सटीक निर्णय से सोमवार को भगदड़ जैसे हालात बन जाने के बाद भी दुर्घटना को टाल दिया गया। रात साढ़े 10 से 11 बजे की भयावह भीड़ को देखकर रेलवे अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए थे। महाकुंभ क्षेत्र में उद्घोषणा होने लगी कि प्रयागराज जंक्शन पर भारी भीड़ है। ऐसे में यात्री जंक्शन की ओर अभी न जाएं। वह एक घंटे बाद यहां से रवाना हों। यह उद्घाटना कई घंटे तक होती रही तो यात्री मेला क्षेत्र के अंदर भी चिंतित नजर आए। भीड़ का प्रवाह मेला क्षेत्र से लेकर जानसेनगंज, चौक, खुल्दाबाद, खुसरोबाग तक प्रबंधित किया जाने लगा।
यात्रियों को जंक्शन जाने से रोका गया था
यात्रियों को जगह-जगह रोकर प्रतीक्षा करने के लिए कहा गया। जंक्शन के सभी प्रवेश द्वार बंद कर ताबड़तोड़ विशेष ट्रेनों का संचालन कर आश्रय स्थल में भरी भीड़ को हटाया गया। रात में स्थिति यह रही कि 10 से रात 12 तक यानी मात्र दो घंटे में 17 विशेष ट्रेनों का संचालन किया गया, दैनिक ट्रेनें भी इस बीच गई तो हजारों यात्रियों को उनसे भी आगे रवाना किया गया। इससे भीड़ का दबाव घटा तो पुनरू जंक्शन के प्रवेश द्वारा खोले गए।
सोमवार शाम से ही भीड़ का दबाव ज्यादा था
रेलवे के अनुसार, सोमवार की शाम से ही भीड़ का दबाव अधिक था। इसके चलते ही शाम छह बजे से रात 12 बजे तक 50 विशेष ट्रेनों का संचालन हुआ था। जबकि थोड़ी-थोड़ी देर पर भीड़ नियंत्रण के लिए खुसरोबाग में भीड़ को रोका जाता। उनसे समझाया जाता कि आप लोग निर्देशों का पालन करें।
50 नई ट्रेनों का संचालन किया गया
सोमवार की रात लगभग दो बजे जब यात्री आश्रय पूरी तरह से खाली हो गया और कतारबद्ध लाइन से यात्रियों को खुसरोबाग से आश्रय स्थल में लाया जाने लगा तो हर किसी ने अनुभव किया कि सबकुछ अब सही है। सीपीआरओ शशिकांत त्रिपाठी ने बताया कि सोमवार रात छह बजे से आठ बजे के बीच 15, आठ से दस बजे तक 19 व रात 10 से 12 बजे के बीच 17 विशेष ट्रेनें चलाई गई। कुल 182 विशेष ट्रेनों के साथ 352 ट्रेनों का संचालन किया गया। वहीं, मंगलवार को भी श्रद्धालुओं की भीड़ जस की तस रही। शाम छह बजे तक 106 विशेष समेत 204 ट्रेनें चलाई गई। एनसीआर ने 82, पूर्वाेत्तर रेलवे ने 19 और उत्तर रेलवे ने पांच विशेष ट्रेनों का संचालन किया।
इसमें प्रयागराज जंक्शन से 57, छिवकी रेलवे स्टेशन से 10, नैनी से 11, सूबेदारगंज से चार, प्रयाग से पांच, रामबाग से तीन और झूंसी से 16 विशेष ट्रेनों का संचालन हुआ। इसके अलावा झूंसी स्टेशन के बाहर उमड़ी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए एसएसबी के जवानों ने विनम्रता के बाद कड़ाई की और आवास विकास कालोनी के दोनों रास्ते को ब्लाक कर दिया।