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मिलेंगे विशेषज्ञ डॉक्टर, जांच की सुविधा होगी बेहतर, स्वास्थ्य सेवाओं को लगेंगे पंख

 

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में हर साल 1500 अतिरिक्त एमबीबीएस और एमडी, एमएस और 130 सुपर स्पेशलिस्ट (डीएम- एमसीएच) डॉक्टर तैयार होंगे।

उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को पंख लगेंगे। बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 50550.42 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सक और राजकीय मेडिकल कॉलेजों में चिकित्सा शिक्षक की नियुक्ति के लिए भर्ती बोर्ड का गठन किया जाएगा। हर साल 1500 अतिरिक्त एमबीबीएस और एमडी, एमएस और 130 सुपर स्पेशलिस्ट (डीएम- एमसीएच) डॉक्टर तैयार होंगे। अभी 11800 एमबीबीएस, 3970 एमडी-एमएस और 120 डीएम-एमसीएच डॉक्टर निकलते हैं।

प्रदेश में 80 मेडिकल कॉलेज हैं, जिनमें 44 राज्य सरकार द्वारा संचालित हैं एवं 36 निजी क्षेत्र में हैं। प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में एमडी और एमएस की डिग्री लेने के बाद नियुक्त होने वाले विशेषज्ञ बीच में ही किसी न किसी कारण पद छोड़ देते हैं। इनकी नियुक्ति लोक सेवा आयोग से की जाती है। इसमें काफी वक्त लगता है। इसी तरह राज्य स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालयों में चिकित्सा शिक्षकों की नियुक्ति के लिए कमेटी बनाई गई है, लेकिन राजकीय मेडिकल कॉलेजों की नियुक्ति आयोग से होती है। अब उत्तर प्रदेश विशेषज्ञ एवं चिकित्सा शिक्षक भर्ती बोर्ड का गठन किया जा रहा है। इसके लिए 3.34 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इससे राजकीय मेडिकल कॉलेजों में नियुक्ति और अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति प्रक्रिया आसान हो जाएगी।

बलरामपुर और बलिया में खुलेंगे मेडिकल कॉलेज

बलिया में स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना के लिए 27 एवं बलरामपुर में स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना के लिए 25 करोड़ का प्रावधान किया गया है। बलिया में नया कॉलेज बनेगा, जबकि बलरामपुर में बने केजीएमयू के सेटेलाइट सेंटर को मेडिकल कॉलेज का दर्जा दिया गया है। चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन योजना शुरू की गई है। इसके लिए 22.91 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

अस्पतालों में जांच सुविधा होगी बेहतर

प्रदेश के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में स्थापित पैथोलॉजी मशीनों के लिए 25 करोड़ का प्रावधान किया गया है। 30 बेड के अस्पतालों को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत चलाया जाएगा। इसके लिए 15 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

स्वास्थ्य क्षेत्र में विभागवार बजट प्रावधानः

12817 करोड़ एलोपैथिक चिकित्सा के लिए।

16354 करोड़ परिवार कल्याण के लिए।

14586 करोड़ सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए।

13361 करोड़ चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण विभाग को।

2000 करोड़ आयुष्मान भारत राष्ट्रीय स्वास्थ्य आधारभूत संरचना मिशन के लिए

100 करोड़। नए चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग भवन निर्माण के लिए

04 करोड़ से उत्तर प्रदेश स्टेट एलाइड एंड हेल्थकेयर काउंसिल का गठन हो रहा है

25 करोड़ एकीकृत कमांड नियंत्रण सेंटर के लिए

5 करोड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की निगरानी के लिए चल रही होप परियोजना के लिए

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